दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में आई खराबी के चलते सैकड़ों फ्लाइट्स डिले हो गईं, वहीं इस दौरान कई फ्लाइट्स को कैंसिल भी करना पड़ा. ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में ग्लिच के चलते ये सब हुआ और लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. ये पहली बार था, जब एक साथ इतनी ज्यादा फ्लाइट्स प्रभावित हुईं. गनीमत ये रही कि इस दौरान कोई भी हादसा नहीं हुआ. घंटों तक फ्लाइट डिले होने के चलते लोगों में गुस्सा भी नजर आया, ऐसे में आज हम आपको दुनिया के उन एयरपोर्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां फ्लाइट्स सबसे ज्यादा डिले होती हैं.
क्यों डिले होती हैं फ्लाइट्स?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि फ्लाइट डिले होने के कारण क्या होते हैं. दुनिया के जिन देशों के एयरपोर्ट पर फ्लाइट सबसे ज्यादा डिले होती हैं, वहां इसके कई कारण होते हैं. कई ऐसे एयरपोर्ट हैं, जहां मौसम काफी ज्यादा खराब रहता है. जिसके चलते फ्लाइट्स डिले रहती हैं. वहीं कई बार खतरनाक रनवे भी इसका कारण हो सकते हैं. एयरलाइन कंपनी की लापरवाही और फ्लाइट्स की कमी के चलते भी ऐसा होता है.
कैसे काम करता है एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम? जिसके बंद होते ही हवा में टकरा सकते हैं कई प्लेन
यहां डिले होती हैं सबसे ज्यादा फ्लाइट्स
बाल्टीमोर, अमेरिका - (53.4%)
सियोल, दक्षिण कोरिया - (50.7%)
- हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम - (42.2%)
- फुकुओका, जापान - (37.6%)
- एम्स्टर्डम, नीदरलैंड्स - (35.3%)
- हाइकौ, चीन - (34.6%)
- कुनमिंग, चीन - (33.8%)
- लिस्बन, पुर्तगाल - (31.7%)
- हांग्जो, चीन - (30.0%)
- टोक्यो, जापान - (28.0%)
एविएशन कंपनी Skycop ने अपनी वेबसाइट पर दुनिया के इन एयरपोर्ट्स की लिस्ट जारी की है, जहां फ्लाइट्स अक्सर डिले होती रहती हैं. भारत में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे एयरपोर्ट सबसे बिजी एयरपोर्ट हैं, यहां रोजाना सैकड़ों फ्लाइट लैंड और टेकऑफ करती हैं. ऐसे में एक छोटी सी तकनीकी खराबी कितनी खतरनाक हो सकती है, ये दिल्ली एयरपोर्ट पर देखने को मिला. यहां करीब 800 फ्लाइट्स डिले हुईं और 20 को कैंसिल किया गया.














