Bihar Election Result: बिहार में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिनमें एनडीए की शानदार जीत हुई है. इस बार बिहार में एनडीए ने गर्दा उड़ाते हुए 202 सीटों पर कब्जा कर लिया. फिलहाल बीजेपी, जेडीयू और गठबंधन के बाकी दल जीत का जश्न मना रहे हैं. वहीं महागठबंधन के दलों का प्रदर्शन काफी ज्यादा खराब रहा, उनके खाते में 243 में से सिर्फ 35 सीटें ही आई हैं. आरजेडी ने इस बार 25 सीटों पर जीत दर्ज की है. हालांकि ये पार्टी का सबसे बुरा प्रदर्शन नहीं है, इससे पहले जब पार्टी को कम सीटें मिली थीं, तब लालू प्रसाद यादव के हाथों में आरजेडी की कमान थी. इस हार का लालू पर इतना असर हुआ था कि वो कुछ समय के लिए गायब हो गए थे. आइए जानते हैं कि कौन सा वो चुनाव था और लालू प्रसाद यादव क्यों अज्ञातवास में चले गए थे.
मौजूदा चुनाव के नतीजे
इस बार आरजेडी ने कांग्रेस और बाकी विपक्षी दलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था, वहीं इस गठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाते हुए चुनाव लड़ा. हालांकि आरजेडी महज 25 सीटों पर सिमट गई और पार्टी को 50 सीटों का नुकसान हुआ. पिछले चुनाव में आरजेडी के खाते में 75 सीटें आई थीं.
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लालू के नाम से चलती थी बिहार की सत्ता
एक दौर था, जब लालू प्रसाद यादव के नाम से ही बिहार की पूरी सत्ता चलती थी. 15 सालों तक लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने बिहार पर राज किया. लालू यादव को सुनने के लिए बिहार के हजारों लोग जुटते थे और उन्हें वो वोटों में भी तब्दील करते थे. यानी एक लंबा दौर था, जब बिहार में लालू और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की तूती बोलती थी. हालांकि 2005 के बाद ये दौर पूरी तरह से खत्म होना शुरू हो गया.
जब लालू को लगा था तगड़ा झटका
लंबे समय तक सत्ता का सुख भोगने वाले लालू प्रसाद यादव को पहला झटका 2005 में लगा, जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर बिहार की सत्ता उनके हाथों से छीन ली. इस चुनाव में आरजेडी को 54 सीटें मिली थीं, वहीं बीजेपी को एक सीट ज्यादा यानी 55 सीटें मिलीं. इस हार के बाद लालू यादव ने पार्टी को एक बार फिर मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन 2010 में जो हुआ, उसे वो सहन नहीं कर पाए.
अज्ञातवास में लालू
लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी की 2010 में बुरी तरह से हार हुई. ये हार 2005 से भी ज्यादा बड़ी थी और पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई. इस चुनाव में एनडीए को 206 सीटें मिली थीं. इस करारी हार के बाद लालू यादव को बड़ा झटका लगा और वो कुछ वक्त के लिए बिल्कुल गायब हो गए. इसे लालू के अज्ञातवास के नाम से भी जाना जाता है. करीब एक महीने से ज्यादा वक्त के लिए वो अपने परिवार और मीडिया के दूर रहे थे. यहां तक कि उनकी पार्टी के बड़े नेताओं से भी उनकी बातचीत नहीं हो पा रही थी.













