भारत के अलावा इन देशों में भी फर्राटे से बोली जाती है हिन्दी, चौथे नंबर के देश का नाम जान हो जाएंगे हैरान

प्रवासी भारतीयों, ऐतिहासिक कारणों और सांस्कृतिक जुड़ाव ने हिन्दी को वैश्विक पहचान दी है. आज भारत के अलावा कई देशों में बड़ी आबादी हिन्दी बोलती या आसानी से समझती है.

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युगांडा में भी हिन्दी बोलने और समझने वालों की खूब संख्या है.

हिन्दी को अक्सर सिर्फ भारत तक सीमित भाषा माना जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि दुनिया के कई देशों में हिन्दी आम बोलचाल और समझ की भाषा बन चुकी है. प्रवासी भारतीयों, ऐतिहासिक कारणों और सांस्कृतिक जुड़ाव ने हिन्दी को वैश्विक पहचान दी है. आज भारत के अलावा कई देशों में बड़ी आबादी हिन्दी बोलती या आसानी से समझती है.

नेपाल

नेपाल उन देशों में शामिल है जहां हिन्दी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. भारत से सटी सीमा, खुला आवागमन और सांस्कृतिक समानताओं की वजह से नेपाल में लाखों लोग हिन्दी बोलते और समझते हैं. टीवी चैनल, फिल्में और व्यापारिक संपर्कों ने भी हिन्दी को यहां आम भाषा बना दिया है.

अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका में हिन्दी बोलने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. भारतीय मूल के लोग वहां घरों, सामाजिक आयोजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिन्दी का इस्तेमाल करते हैं. कई शहरों में हिन्दी रेडियो, सामुदायिक संस्थाएं और भाषा से जुड़े कार्यक्रम भी सक्रिय हैं.

मॉरीशस

मॉरीशस में हिन्दी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है. यहां भारतीय मूल की बड़ी आबादी रहती है और हिन्दी का इस्तेमाल घरों, धार्मिक कार्यक्रमों और शिक्षा के क्षेत्र में होता है. स्कूलों में हिन्दी पढ़ाई जाती है और सरकारी स्तर पर भी इसका महत्व बना हुआ है.

फिजी

फिजी में हिन्दी का एक स्थानीय रूप विकसित हो चुका है, जिसे फिजियन हिन्दी कहा जाता है. यह भाषा उन भारतीय मजदूरों की विरासत है जिन्हें ब्रिटिश काल में फिजी ले जाया गया था. आज भी बड़ी संख्या में लोग इस भाषा में बातचीत करते हैं और इसे अपनी पहचान मानते हैं.

साउथ अफ्रीका

दक्षिण अफ्रीका में भी हिन्दी बोलने वालों की अच्छी खासी आबादी है. भारतीय मूल के लोग आपस में संवाद के लिए हिन्दी का इस्तेमाल करते हैं, खासकर पारिवारिक और सांस्कृतिक मौकों पर. यहां हिन्दी ने समय के साथ अपनी जगह बनाए रखी है.

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सूरीनाम

दक्षिण अमेरिका के देश सूरीनाम में भी हिन्दी का असर साफ नजर आता है. यहां बोली जाने वाली सरनामी हिन्दी भारतीय मूल के समुदाय की भाषा है. धार्मिक आयोजनों, गीतों और परंपराओं में हिन्दी और उससे जुड़े शब्दों का व्यापक इस्तेमाल होता है.

युगांडा

युगांडा में भी हिन्दी बोलने और समझने वालों की संख्या कम नहीं है. यह भाषा मुख्य रूप से भारतीय मूल की पुरानी पीढ़ियों में देखने को मिलती है, जहां पारिवारिक और सामाजिक संवाद में हिन्दी का प्रयोग होता है.

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यूनाइटेड किंगडम

यूनाइटेड किंगडम में हिन्दी बोलने वालों की संख्या भले ही सीमित हो, लेकिन भारतीय मूल की बड़ी आबादी के कारण हिन्दी वहां भी जीवित है. त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारिवारिक बातचीत में हिन्दी का इस्तेमाल आम है.

इसके अलावा त्रिनिदाद और टोबैगो, गुयाना, UAE जैसे देशों में भी हिन्दी बोलने-सुनने वाली की अच्छी तादाद है. कुल मिलाकर हिन्दी अब सिर्फ भारत की भाषा नहीं रही. इतिहास, प्रवास और संस्कृति ने इसे दुनिया के कई हिस्सों में पहुंचाया है. अलग-अलग देशों में हिन्दी अलग रूपों में मौजूद है, लेकिन लोगों को जोड़ने का इसका मकसद हर जगह एक जैसा है.

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