परंपरागत नौकरियों में जॉब की भरमार, खेती और ड्राइविंग वाले कैंडिडेट्स डिमांड में 

भले ही खेती, ड्राइविंग और सेल्समैन के काम को छोटा आंका जाता है, लेकिन एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि आने वाले समय में इस सेक्टर में नौकरियां ही नौकरियां होंगी. खेत में काम करने वाले और डिलीवरी ब्वॉय जैसी पारंपरिक नौकरियों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि होगी.

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परंपरागत नौकरियों में जॉब की भरमार, खेती और ड्राइविंग वाले कैंडिडेट्स डिमांड में 
नई दिल्ली:

Tradition Jobs In Demand: लंबे समय से देश-दुनिया में आईटी सेक्टर को जॉब के लिए नंबर वन माना जाता है, यही कारण है कि युवा तेजी से आईटी और टेक में अपना करियर बनाते हैं. वहीं एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि आने वाले समय में परम्परागत नौकरियों की भरमार होने वाली है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फॉर्म (WEF) रिपोर्ट में बताया गया है कि खेत में काम करने वाले और डिलीवरी ड्राइवर जैसी पारंपरिक नौकरियों की संख्या में अगले पांच सालों में सबसे अधिक वृ्द्धि होंगी, जबकि प्रतिशत के लिहाज से टेक जॉब यानी एआई और मशीन लर्निंग स्किल जानने वाले लोग सबसे अधिक डिमांड में होंगे.

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डब्ल्यूईएफ की फ्यूचर जॉब्स रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला कि क्लर्कियल और सेकेटेरियट कर्मचारियों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट देखी जा सकती है, जबकि स्वास्थ्य कर्मियों और शिक्षा कर्मियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है. भारत में, बिग डेटा, एआई और मशीन लर्निंग और सिक्योरिटी मैनेजमेंट के विशेषज्ञों की मांग देखी जा रही है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि स्ट्रक्चरल फैक्टर-डिजिटल पहुंच को व्यापक बनाने से लेकर जीवन की उच्च लागत, जलवायु परिवर्तन शमन, जनसांख्यिकीय बदलाव और भू-राजनीतिक विखंडन तक मौजूदा कार्यबल के 8% या 92 मिलियन को विस्थापित कर सकते हैं. लेकिन इससे लगभग 170 मिलियन नई नौकरियां भी पैदा होंगे, जो वर्तमान कार्यबल का 14 प्रतिशत है. 

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भारत में इंक्रीजड डिजिटल एक्सेस, भू-राजनीतिक तनाव और जलवायु-शमन प्रयासों को नौकरियों के भविष्य को आकार देने वाले प्राथमिक रुझान के रूप में देखा जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियां एआई, रोबोटिक्स और स्वायत्त प्रणालियों और ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश कर रही हैं, जहां नियोक्ता अपने परिचालन को बदलने के लिए सेमीकंडक्टर और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों और क्वांटम और एन्क्रिप्शन जैसी प्रौद्योगिकियों में वैश्विक अपनाने से आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं.

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डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और भारत में एआई स्किल के लिए सबसे अधिक नामांकन हो रहा है, जिसमें कॉर्पोरेट देश में जेनएआई (GenAI) प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.


 

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