झारखंड में भारी बारिश से 3 की मौत; रांची, पलामू, जमशेदपुर और धनबाद में बाढ़ जैसे हालात

पलामू जिले में बीते 24 घंटे से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जिले की जीवनरेखा मानी जाने वाली कोयल नदी उफान पर है.

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नदी की तेज धारा में बहता एक युवक.
रांची/धनबाद/जमशेदपुर:

झारखंड के खूंटी जिले में भारी बारिश के कारण एक कुआं ढह जाने से मिट्टी के नीचे 22 घंटे तक दबे रहने के बाद दो स्कूली छात्रों के शव बृहस्पतिवार को बरामद कर लिए गए हैं. पुलिस ने बताया कि रांची जिले में मिट्टी का एक मकान ढह जाने के कारण 10 वर्षीय लड़की की भी मौत हो गई.  राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश का कहर जारी है. अलग-अलग जिलों में एक पुल और एक खाली आवासीय इमारत भी ढह गयी जबकि कई नदियां उफान पर हैं. मुरहू थाना क्षेत्र के तहत मुरहू पंचायत में नौ और 10 वर्षीय दो स्कूली छात्र एक निर्माणाधीन कुएं के पास थे, तभी बुधवार दोपहर करीब दो बजे वह ढह गया.

खूंटी-सिमडेगा सड़क मार्ग बाधित

भारी बारिश के कारण खूंटी के तोरपा में बनाई नदी पर पुल का एक हिस्सा भी ढह गया है, जिससे खूंटी-सिमडेगा सड़क मार्ग बाधित हो गया है. रांची, सरायकेला-खरसावां और पूर्व सिंहभूम समेत कई जिलों में भारी बारिश से सामान्य जनजीवन बाधित हो गया है. भारी बारिश के मद्देनजर बृहस्पतिवार को रांची और खूंटी समेत कई जिलों में स्कूल बंद हैं. टाटा स्टील ने एक बयान में बताया कि इमारत को पहले ही खाली कर दिया गया था, वहां पर अवरोधक लगाए गए थे और उसे रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया जा चुका था. पूर्व सिंहभूम जिले के प्रशासन ने दोनों नदियों के डूब वाले इलाकों में रह रहे लोगों से सतर्क रहने को कहा है.

जमशेदपुर में बाढ़ से हालात

जमशेदपुर में लगातार तीसरे दिन भी मूसलाधार बारिश जारी है. स्वर्णरेखा और खरकाई नदी उफान पर है. उधर, एहतियात के तौर पर चांडिल डैम के चार फाटक खोले गए हैं. नदी किनारे इलाकों को खाली करने की जिला प्रशासन ने अपील की है. तटीय इलाकों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की लगातार अपील की जा रही है. हालांकि, अभी बाढ़ का पानी शहर में प्रवेश नहीं किया है. नगरीय व्यवस्था की पोल खुल गई है. शहर के सारे ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त हो चुके हैं. यही कारण है कि बारिश के पानी का निकास नहीं होने की वजह से लोगों के घरों में पानी घुस रहा है. 

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जमशेदपुर के कदमा, मानगो, बागबेड़ा, बारीडीह, सोनारी, शास्त्रीनगर, बागबेड़ा इलाकों के सैकड़ों घरों में नाले का पानी प्रवेश कर गया है. इससे लोगों का लाखों रुपयों के सामान का नुकसान हुआ है. जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय पानी में उतर कर लोगों की मदद कर रहे हैं. जिला प्रशासन के लोग पानी में फंसे लोगों को निकाल रहे हैं. 

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वहीं पलामू जिले में बीते 24 घंटे से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जिले की जीवनरेखा मानी जाने वाली कोयल नदी उफान पर है. नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है. वहीं धनबाद में भारी बारिश के चलते मैथन डैम के तीन गेट और चार गैलरी को खोला गया है. मैथन डैम से बीस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

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डैम का गेट खोले जाने से निचले इलाके में अलर्ट जारी किया गया है. डीवीसी एवं केंद्रीय जल आयोग स्थिति पर नजर बनाए हुए है. बताया जाता है कि डैम से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात होने की संभावना है. इसे लेकर जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर लोगों को सुरक्षित रहने को कहा है.

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मानसून की पहली मूसलाधार बारिश से मैथन डैम का जलस्तर बढ़ने लगा है. डीवीसी(दामोदर घाटी निगम) ने मैथन डैम के दो फाटक व गैलरी खोल दिए हैं. फाटक व गैलरी खोले जाने की सूचना पर सैलानियों की भीड़ उमड़ने लगी है. विभिन्न क्षेत्रों से सैलानी मैथन डैम पहुंचकर फटाक से निकल रहे जल स्रोत का लुफ्त उठा रहे हैं. बताया जाता है कि मानसून से पहले मैथन डैम में जमे गाद को हटाने एवं डैम के गेटों के निरीक्षण के लिए फाटक खोले गए हैं.

डीवीसी एवं केंद्रीय जल आयोग मानसून से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि डैम के सभी गेट ठीक से खुल एवं बंद हो रहे हैं या नहीं. इस दौरान गाद भी हटाए जा रहे हैं. ताकि डैम में जल भराव की स्थिति को सामान्य तरीके से नियंत्रित किया जा सके. वर्तमान में मैथन डैम का जलस्तर 471.59 हैं,  डैम के आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है. डैम के दो फाटक खुलने से पश्चिम बंगाल के दामोदर नदियों में जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है. 
 

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