5100 से अधिक पक्षियों की मौत के पीछे एवियन फ्लू का खौफ या कुछ और, क्या है इसकी वजह, पढ़ें

जिला पशुपालन अधिकारी (डीएएचओ) कवींद्र नाथ सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘रविवार को कुल 325 ‘गिनी फाउल’ (पक्षी) को मारा गया था, जबकि सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में 5,163 पक्षियों को मारा गया.’’

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5100 से अधिक पक्षियों की मौत के पीछे एवियन फ्लू का खौफ या कुछ और, क्या है इसकी वजह, पढ़ें
रांची:

झारखंड में रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के एक कुक्कुट फार्म में एवियन फ्लू का मामला सामने आने के बाद सोमवार को रांची में कुल 5,163 पक्षियों को मार दिया गया. पिछले दो दिनों के भीतर बीएयू में 5,488 पक्षियों को मारा गया है और पूरे प्रभावित क्षेत्र का संक्रमणरोधन किया गया है.

जिला पशुपालन अधिकारी (डीएएचओ) कवींद्र नाथ सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘रविवार को कुल 325 ‘गिनी फाउल' (पक्षी) को मारा गया था, जबकि सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में 5,163 पक्षियों को मारा गया.''

उन्होंने कहा कि अब 10 किलोमीटर के दायरे के सभी स्थानों पर नजर रखी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि बीएयू के पशु चिकित्सा महाविद्यालय स्थित फार्म में पिछले 20 दिनों में करीब 150 ‘गिनी फाउल' की मौत हो चुकी हैं.

रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) को भेजे गए नमूनों में ‘एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस' के प्रकार एच5एन1 की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने राज्य को इसके प्रसार को रोकने के लिए सभी उपाय करने के निर्देश दिए हैं. इन निर्देशों में संक्रमित और निगरानी क्षेत्र घोषित करने, प्रभावित परिसरों तक पहुंच प्रतिबंधित करना और पक्षियों को मारना आदि शामिल है. राज्य पशुपालन विभाग ने शनिवार को एक परामर्श और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर क्षेत्र में पक्षियों की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी.

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