- झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एमपी एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है
- कोर्ट ने पहले दिए गए अंतरिम आदेश को निरस्त करते हुए सीएम को अब खुद कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है
- 28 नवंबर को हेमंत सोरेन को एमपी एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना अनिवार्य होगा
झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन मामले में MP/MLA कोर्ट से मिली व्यक्तिगत उपस्थिति की छूट रद्द हो गई है. छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए, हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री को अब खुद कोर्ट में उपस्थित होना होगा. जस्टिस एके चौधरी की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की और सीएम को मिली अंतरिम राहत को निरस्त कर दिया.
निचली अदालत का अंतरिम आदेश निरस्त
यह पूरा मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के समन से संबंधित है. पिछली सुनवाई में 4 दिसंबर 2024 को निचली अदालत (MP/MLA कोर्ट) ने सीएम को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट प्रदान कर दी थी, जिससे उन्हें अदालत में हाजिर होने की अनिवार्यता नहीं थी. हाई कोर्ट में इस छूट को चुनौती दी गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एके चौधरी की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया.
अब 28 नवंबर को कोर्ट में पेशी अनिवार्य
झारखंड हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 28 नवंबर को हर हाल में MP/MLA कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा.














