CM का कर्म, फिर पुत्र का धर्म... दोहरी भूमिका में हेमंत सोरेन, कराया मुंडन, कल भोज में जुटेंगे लाखों लोग

Hemant Soren in Namra: 15 अगस्त को सीएम की भूमिका निभाते हुए हेमंत सोरेन ने गांव में ही झंडोत्तोलन किया. अब शनिवार को नेमरा में शिबू सोरेन के संस्कार भोज का आयोजन होगा. जिसमें लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है.

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CM का फर्ज निभाते हुए नेमरा में ही हेमंत सोरेन ने झंडोत्तोलन किया. फिर पुत्र का कर्म निभाते हुए दशकर्म कर भोज की तैयारियों में जुटे.
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  • झारखंड CM हेमंत सोरेन ने 15 अगस्त को अपने पैतृक गांव नेमरा में पिता के श्राद्धकर्म के दौरान झंडोत्तोलन किया.
  • राज्य के गठन के बाद पहली बार CM राजधानी रांची में स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में उपस्थित नहीं हो सके.
  • शिबू सोरेन के श्राद्ध भोज में लगभग पांच लाख लोगों के लिए बैठने और भोजन की व्यापक व्यवस्था की गई है.
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Shibu Soren Shraddha Karm: शुक्रवार 15 अगस्त को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस समारोह पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. लेकिन झारखंड की राजधानी में 15 अगस्त का मुख्य आयोजन सीएम के बिना ही हुआ. झारखंड में ऐसा पहली बार हुआ, जब सीएम स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में शामिल नहीं हो सके. हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने रामगढ़ जिले के अपने पैतृक गांव नेमरा में ही श्राद्धकर्म वाले कपड़ों में झंडोत्तोलन किया. जिसमें स्थानीय ग्रामीण, पंचायत प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.

झंडोत्तोलन के बाद कराया दशकर्म

दरअसल सीएम सोरेन के पिता शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म पारंपरिक रीति-रिवाजों के तहत उनके पैतृक गांव नेमरा में हो रहा है. शुक्रवार 15 अगस्त को शिबू सोरेन का दशकर्म हुआ. जिसमें सीएम हेमंत सोरेन सहित परिवार के सभी पुरुष सदस्यों ने चुल मंडल (बाल मुंडन) कराया.

नेमरा में श्राद्धकर्म के कपड़ों में झंडोत्तोलन करते सीएम हेमंत सोरेन.

कल शिबू सोरेन के संस्कार भोज में जुटेंगे लाखों लोग

इससे पहले 15 अगस्त को सीएम की भूमिका निभाते हुए हेमंत सोरेन ने गांव में ही झंडोत्तोलन भी किया. अब शनिवार को नेमरा में शिबू सोरेन के संस्कार भोज का आयोजन होगा. जिसमें लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है. वीआईपी के लिए यहां 4 हेलीपैड बनाए गए हैं.

गुरुजी के भोज के लिए नेमरा में ऐसे कई पंडाल बनाए गए हैं.

5 लाख लोगों के लिए श्राद्ध भोज की व्यवस्था

शिबू सोरेन के श्राद्ध भोज में 5 लाख लोगों की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए 5 पंडाल में लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी, सभी पंडाल के पास ही रसोई घर बनाए गए हैं. शिबू सोरेन के घर के पीछे विशेष अतिथियों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी.

दशकर्म के बाद पूूरे परिवार के साथ रीति-रिवाजों को निभाते हेमंत सोरेन.

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राहुल गांधी सहित कई VIP को न्योता

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस अध्यक्ष, राज्यों के मुख्यमंत्री और विशिष्ट अतिथियों को कैबिनेट सचिवालय निमंत्रण पत्र भेजेगी. वहीं राज्य के लोगों को झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमेटी ने कार्ड भेजना शुरू कर दिया है. इधर प्रशासन ने नेवरा में दिशोम गुरु के पैतृक घर के 300 मीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर दी है. वहां सिर्फ वीआईपी और करीबी लोगों को ही जाने की अनुमति है.

नेमरा में बनाए गए चार हेलीपैड

कार्यक्रम में वीआईपी लोगों के लिए चार हेलीपैड बनाए गए हैं. तीन हेलीपैड घर के निकट बनाए गए जबकि एक हेलीपैड घर से तीन किलोमीटर दूर बनाया गया है. 16 तारीख के संस्कार भोज के दिन वीआईपी के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था की गई है. वहीं शिबू सोरेन के आवास से करीब 3 किलोमीटर दूर पार्किंग की व्यवस्था की गई है.

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300 ई-रिक्शा की भी व्यवस्था

VIP को छोड़कर कोई भी गाड़ी कार्यक्रम स्थल तक नहीं जाएगा. इसके लिए 300 ई रिक्शा की व्यवस्था होगी. वही कार्यक्रम स्थल पर ले जाएगी. नेवरा में श्राद्ध कर्म के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. इसके लिए 9 आईपीएस और 40 डीएसपी को तैनात किया गया है. यह आईपीएस 14 से 16 अगस्त तक तैनात रहेंगे. वहीं 40 डीएसपी 12 से 17 अगस्त तक रहेंगे. पुलिस मुख्यालय ने इसका आदेश जारी कर दिया है.

सीएम के बिना राज्यपाल ने फहराया तिरंगा ली सलामी

राज्य के गठन के बाद यह पहला अवसर है, जब मुख्यमंत्री राजधानी रांची में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में उपस्थित नहीं हो पाए. इस बार मोरहाबादी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली. मुख्यमंत्री के अनुपस्थित रहने का कारण उनके परिवार का शोक है.

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पत्नी कल्पना के साथ पिता के श्राद्धकर्म की रीति-रिवाजों को निभाते सीएम सोरेन.

संथाल आदिवासी परंपरा के अनुसार हो रहा गुरुजी का श्राद्ध कर्म

  • विगत 4 अगस्त को उनके पिता, झारखंड आंदोलन के प्रणेता और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का निधन हो गया था. मुख्यमंत्री ने ही उन्हें मुखाग्नि दी थी और तब से वह अपने पैतृक गांव में ही रह रहे हैं.
  • संथाल आदिवासी समाज की परंपरा के अनुसार, श्राद्ध कर्म संपन्न होने तक मुखाग्नि देने वाला गांव की सरहद के बाहर नहीं जाता. वह 12 दिनों तक श्राद्ध के लिए निर्धारित वस्त्रों में ही रहता है.
  • दिवंगत शिबू सोरेन के श्राद्ध संस्कार का मुख्य कार्यक्रम 15 और 16 अगस्त को नेमरा गांव में आयोजित हो रहा है. इस वजह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्राद्ध वाले वस्त्र पहनकर गांव में ध्वज फहराया.

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