नई दिल्लमी में सुपर 40 के होनहार विद्यार्थियों से जनरल बिपिन रावत ने मुलाकात की.
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- कुल 36 ने दी आईआईटी मेन्स की परीक्षा, 28 हुए पास
- सेना ने इंजीनिरिंग के लिए कोचिंग सेंटर 2013 में शुरू किया था
- एक एनजीओ और एक कंपनी के सहयोग से चलता है सेंटर
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नई दिल्ली:
बिहार के सुपर 30 की तर्ज पर सेना ने भी जम्मू-कश्मीर में सुपर 40 बनाया है. सुपर 40 के 36 छात्र-छात्राओं ने आईआईटी मेन्स की परीक्षा दी. इन 36 में से 28 ने आईआईटी मेन्स की परीक्षा पास कर ली. इनमें 31 लड़के और पांच लड़कियां शामिल हैं. खास बात यह कि इनमें से नौ ने आईआईटी जेईई एडवांस परीक्षा पास की है.
नई दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इन होनहार विद्यार्थियों से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया. इन छात्र-छात्राओं से सेना प्रमुख ने कहा कि कश्मीर जन्नत है और हम सबको फिर से उसे वैसा ही बनाना है. सेना प्रमुख ने इन छात्रों से यह भी कहा कि जब वे कुछ बन जाएं तो कहीं बाहर न जाएं, वापस कश्मीर जाएं और उसे बेहतर बनाने में अपना योगदान दें.
सेना के सुपर 40 के विद्यार्थी.
सेना ने इंजीनिरिंग के लिए यह कोचिंग सेंटर 2013 में शुरू किया था. इस सेंटर का यह चौथा बैच है. सेना यह कोचिंग सेंटर एक एनजीओ और पैट्रोनेट-एलएनजी कंपनी के साथ मिलकर चलाती है. कड़े इम्तिहान के बाद सेना पूरे जम्मू-कश्मीर के करीब दो हजार बच्चों में से 40 चुनिंदा बच्चों का चयन करती है. इन बच्चों को 11 महीने आवास, भोजन और कोचिंग सेना द्वारा मुहैया कराई जाती है.
क्लास रूम में अध्ययनरत सुपर 40 के विद्यार्थी.
इस बार चुने गए 28 छात्रों में से नौ दक्षिण कश्मीर से, 10 उत्तरी कश्मीर से हैं. इनके अलावा सात लद्दाख और दो छात्र जम्मू इलाके से हैं. कश्मीर में जारी हिंसा और आतंक के बीच जो तनाव फैला हुआ है उस दौरान इससे अच्छी खबर शायद ही कुछ और हो सकती है. सेना को उम्मीद है कि उसके ऐसे प्रयासों से न केवल युवाओं का भविष्य बेहतर होगा बल्कि लोगों में उसकी साख और भी मजबूत होगी.
नई दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इन होनहार विद्यार्थियों से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया. इन छात्र-छात्राओं से सेना प्रमुख ने कहा कि कश्मीर जन्नत है और हम सबको फिर से उसे वैसा ही बनाना है. सेना प्रमुख ने इन छात्रों से यह भी कहा कि जब वे कुछ बन जाएं तो कहीं बाहर न जाएं, वापस कश्मीर जाएं और उसे बेहतर बनाने में अपना योगदान दें.
सेना ने इंजीनिरिंग के लिए यह कोचिंग सेंटर 2013 में शुरू किया था. इस सेंटर का यह चौथा बैच है. सेना यह कोचिंग सेंटर एक एनजीओ और पैट्रोनेट-एलएनजी कंपनी के साथ मिलकर चलाती है. कड़े इम्तिहान के बाद सेना पूरे जम्मू-कश्मीर के करीब दो हजार बच्चों में से 40 चुनिंदा बच्चों का चयन करती है. इन बच्चों को 11 महीने आवास, भोजन और कोचिंग सेना द्वारा मुहैया कराई जाती है.
इस बार चुने गए 28 छात्रों में से नौ दक्षिण कश्मीर से, 10 उत्तरी कश्मीर से हैं. इनके अलावा सात लद्दाख और दो छात्र जम्मू इलाके से हैं. कश्मीर में जारी हिंसा और आतंक के बीच जो तनाव फैला हुआ है उस दौरान इससे अच्छी खबर शायद ही कुछ और हो सकती है. सेना को उम्मीद है कि उसके ऐसे प्रयासों से न केवल युवाओं का भविष्य बेहतर होगा बल्कि लोगों में उसकी साख और भी मजबूत होगी.