पुंछ: सलोत्री गांव में बंकर बनाए जाने से ग्रामीण सुरक्षित, बोले- हालात बिगड़े तो भी गांव नहीं छोड़ना पड़ेगा

ग्रामीणों का मानना है कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से सीमा पर किसी भी समय फायरिंग हो सकती है, इसलिए पहले से सतर्क रहना जरूरी है. इस बार अगर हालात बिगड़ते हैं तो भी उन्हें पलायन नहीं करना पड़ेगा.

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पुंछ के सलोत्री गांव में बंकरों में सामान जुटा रहे ग्रामीण. (फाइल फोटो)
पुंछ:

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद (Pahalgam Terrorist Attack) नियंत्रण रेखा पर तनाव का माहौल है, जिसका असर जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सीमावर्ती गांवों में भी दिखाई देने लगा है. पुंछ जिले के अंतिम गांव सलोत्री में रहने वाले ग्रामीण इन दिनों अपने-अपने बंकरों (Punch Bunkers) की सफाई में जुटे हैं और जरूरी सामान जमा कर रहे हैं. ये बंकर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रयासों से बनवाए गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इन बंकरों की वजह से अब उन्हें गोलीबारी के समय गांव छोड़कर भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि वे सुरक्षित रूप से अपने ही गांव में रह सकेंगे.

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बंकरों की वजह से ग्रामीण सुरक्षित

ग्रामीण ओम प्रकाश ने कहा कि  भारत सरकार ने जो बंकर बनाकर दिए हैं, वे न केवल बहुत मजबूत हैं बल्कि बुलेटप्रूफ भी हैं. इन्हें जमीन के 10 फुट नीचे बनाया गया है और इसमें किसी भी प्रकार की गोलीबारी या हमले का डर नहीं है. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय हमें पलायन करना पड़ा था, लेकिन अब बंकरों की वजह से हम अपने गांव में सुरक्षित हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब हम अपने घरों में रहकर ही सुरक्षित महसूस करते हैं.

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बंकरों में जुटाया जरूरत का सामान

एक अन्य ग्रामीण महिला पवन दत्ता ने बताया कि वे बंकरों में रोजमर्रा की जरूरत का सामान जैसे गैस सिलेंडर, राशन, कंबल और बिस्तर आदि इकट्ठा कर चुके हैं. हालात काफी खराब हैं, इसलिए वह पहले से पूरी तैयारी में हैं. बंकर इतने मजबूत हैं कि इनमें गोलीबारी का कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था उन लोगों की जान बचाने के लिए बनाई गई है और वह इसे लेकर पूरी तरह संतुष्ट हैं.

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हालात बिगड़े तो भी गांव नहीं छोड़ना होगा

ग्रामीणों का मानना है कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से सीमा पर किसी भी समय फायरिंग हो सकती है, इसलिए पहले से सतर्क रहना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस बार अगर हालात बिगड़ते हैं तो भी उन्हें पलायन नहीं करना पड़ेगा. अब वे अपने गांव में ही बने इन सुरक्षित बंकरों में रहकर हर परिस्थिति का सामना करने को तैयार हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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