- बडगाम विधानसभा उपचुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP के उम्मीदवार आगा परिवार से हैं. इन दोनों में टक्कर होगी.
- नेकां ने आगा सैयद महमूद को अपना प्रत्याशी घोषित किया है, जो बडगाम में पार्टी के मजबूत जनाधार का प्रतीक हैं.
- पीडीपी ने आगा सैयद मुंतजिर मेहदी को उम्मीदवार बनाया है, जो आगा परिवार के एक अलग गुट से ताल्लुक रखते हैं.
Budgam Bypolls 2025: आगामी बडगाम विधानसभा उपचुनाव में जम्मू-कश्मीर की राजनीति एक दिलचस्प मोड़ ले रही है. यहां प्रभावशाली आगा परिवार के दो सदस्यों के बीच सीधी टक्कर तय मानी जा रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) — दोनों ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, और मुकाबला अब प्रतिष्ठा का बन गया है. नेकां ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आगा सैयद महमूद को मैदान में उतारा है, जबकि पीडीपी ने आगा सैयद मुंतजिर मेहदी को उम्मीदवार बनाया है. दोनों ही आगा वंश से ताल्लुक रखते हैं — जो धर्म और समाज में एकता का प्रतीक है, पर राजनीति में लंबे समय से विभाजित है.
पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर नेकां ने पोस्ट किया, “पार्टी नेतृत्व के निर्देशानुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आगामी बडगाम विधानसभा उपचुनाव के लिए आगा सैयद महमूद को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. पार्टी उन्हें उनके सफल अभियान के लिए शुभकामनाएं देती है.”
वहीं, पीडीपी ने बयान जारी कर पुष्टि की कि आगा सैयद मुंतजिर मेहदी ने बडगाम उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. मुंतजिर, अंजुमन-ए-शरी शियायान के एक गुट के प्रमुख आगा सैयद हसन के छोटे पुत्र हैं, जबकि महमूद आगा सैयद हादी के चाचा हैं, जो इसी संगठन के दूसरे गुट का नेतृत्व करते हैं.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, मुकाबला नेकां और पीडीपी उम्मीदवारों के बीच बेहद कड़ा रहेगा. उनका कहना है कि पीडीपी ने हाल के वर्षों में बडगाम में अपनी जड़ें मजबूत की हैं, जो पारंपरिक रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ रहा है.
सीएम की सीट का कौन संभालेगा विरासत?
विशेषज्ञ मानते हैं कि 2024 के विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला गंदरबल और बडगाम दोनो सीट जीत गए थे. बाद में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा गंदरबल सीट के लिये बडगाम छोड़ने के बाद स्थानीय समीकरणों में बड़ा बदलाव देखा गया है. स्थानीय स्तर पर कई लोग इस फैसले से खुद को दरकिनार महसूस कर रहे हैं, जिससे विश्लेषकों का मानना है कि पीडीपी को बडगाम में नए समर्थन जुटाने का मौका मिला है.
आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी पर टिकी निगाहें
इस बीच, सभी की निगाहें नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर से सांसद और आगा परिवार के ही एक अन्य प्रमुख सदस्य आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी पर टिकी हैं. लोकलुभावन रुख और स्वतंत्र राजनीतिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले रूहुल्लाह का बडगाम के मतदाताओं पर गहरा प्रभाव है.
- हाल ही में उन्होंने कहा था कि वह इस उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेंगे. अगर वे अपने इस रुख पर कायम रहते हैं, तो यह नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रदर्शन को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है.
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रूहुल्लाह का रुख — चाहे स्थिर रहे या बदले — दोनों ही स्थितियों में चुनाव परिणामों को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकता है.
- प्रभावशाली पारिवारिक रिश्तों, बदलते सियासी समीकरणों और गहराते स्थानीय मतभेदों के बीच, बडगाम उपचुनाव इस सत्र में जम्मू-कश्मीर की राजनीति का सबसे चर्चित और बारीकी से देखा जाने वाला मुकाबला बनने जा रहा है.
बडगाम विधानसभा उपचुनाव में आगा परिवार की दो पीढ़ियाँ आमने-सामने हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के आगा सैयद महमूद और पीडीपी के आगा सैयद मुंतजिर मेहदी के बीच मुकाबला न सिर्फ सियासी, बल्कि पारिवारिक प्रतिष्ठा का भी बन गया है.