J&K: अमित शाह ने बढ़ाया BSF जवानों का हौसला, बताया- कैसे अब दुश्मन का सफाया करना होगा और भी आसान

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे जवानों का त्याग, वीरता, बलिदान और हौसला हमेशा ही सीमापार दुश्मनों से देश को बचाता है. इसी वजह से देश की जनता के दिलों में BSF के प्रति सम्मान का भाव है.

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Amit Shah in Kathua: जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ जवानों से मिले अमित शाह.
जम्मू-कश्मीर:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को जम्मू-कश्मीर (Amit Shah Jammu-Kashmir Visit) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कठुआ में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ की अग्रिम चौकी का दौरा किया. शाह ने वहां तैनात सीमा सुरक्षा बल  के जवानों (Amit Shah Met BSF Personals) संग संवाद भी किया और साल 2019 में कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्यूटी के दौरान शहादत देने वाले BSF जवान विनय प्रसाद को श्रद्धांजलि अर्पित की.  

अमित शाह ने सीमा पर नविनिर्मित 8 महिला बैरक, हाई मास्ट लाइटस, जी+1 टॉवर और कम्पोजिट BOP का लोकार्पण भी किया, जिनको 47.22 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इन पहलों से ड्यूटी के दौरान BSF जवानों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है और उनके रहन सहन की सुविधाएं भी बेहतर हुई हैं. 

(अमित शाह ने जवानों को दी श्रद्धांजलि)

अमित शाह ने की BSF जवानों की सराहना

गृह मंत्री ने जम्मू क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए बीएसएफ जवानों और अधिकारियों की सराहना की. जवानों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यहां आकर पता चलता है कि BSF जवान कितनी कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं. कड़ाके की ठंड, मूसलाधार बारिश और 45 डिग्री तापमान में, भौगोलिक या मौसम की विषमता के बावजूद हमारे जवान तत्परता के साथ और चौकस रहकर सीमाओं की सुरक्षा में लगे रहते हैं.

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PTI फोटो.

पाकिस्तान संग हर जंग में BSF का बड़ा योगदान

 अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा में BSF का इतिहास गौरवशाली रहा है. पूरा देश जानता है कि BSF हमारी सुरक्षा की प्रथम पंक्ति है. उन्होंने इस दायित्व का हमेशा बहुत अच्छे से निर्वहन किया है. पाकिस्तान के साथ हुई हर जंग में भारतीय सेना जितना ही बड़ा योगदान BSF के जवानों का रहा है. 

गृह मंत्री ने कहा कि सीमा पर तैनाती के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस सिस्टम के दो मॉडल बने हैं. पूरी सीमा पर इनकी तैनाती के बाद जवानों को सूचना मिलने और दुश्मन द्वारा किसी भी हरकत की स्थिति में तत्काल जवाब देने में बहुत आसानी होगी.  इसके साथ ही घुसपैठ को चिन्हित करने और तकनीक के जरिए सुरंगों का पता लगाकर उनको नष्ट करने के लिए भी कई प्रयोग किए गए हैं. 

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( अमित शाह ने शहीदों के परिवारों को सौंपे नियुक्ति पत्र)

तकनीक से लैस होंगे BSF जवान

 कुछ ही सालों में पूरी भारत-पाक और भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सुरक्षाबल के जवान तकनीकी सहायता से लैस हो जाएंगे. हमारे जवानों का त्याग, वीरता, बलिदान और हौसला हमेशा ही सीमापार दुश्मन से देश को बचाता है. इसी वजह से देश की जनता के दिलों में BSF के प्रति सम्मान का भाव है.  अमित शाह ने बताया कि तकनीक से संबंधित 26 से अधिक पहलों का परीक्षण अभी चल रहा है. जिनमें ड्रोनरोधी तकनीक, टनल आइडेंटिफिकेशन तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस जैसे पहलू शामिल हैं.  शाह ने विश्वास जताया कि इन सभी परीक्षणों में अगले मार्च तक कुछ नतीजों पर पहुंचा जा सकता है, जिससे जवानों की राह आसान हो जाएगी. 

(BSF जवानों से मिले अमित शाह)

सुरक्षाबलों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं

गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार जवानों की ड्यूटी के बीच आने वाली तकलीफों को कम करने की लगातार कोशिश कर रही है. पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सुरक्षा बलों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए पूरी तरह से समर्पित है. भारत सरकार ने सुरक्षाबलों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई है, जिनमें आयुष्मान CAPF, अनुग्रह भुगतान (EX –Gratia Payments), CAPF वेतन पैकेज योजना के तहत आकस्मिक मृत्यु बीमा कवरेज, यूनिफाईड पेंशन योजना, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (PMSS) और ई-आवास शामिल हैं.

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शहीदों के परिवारों से मिले शाह, सौंपे नियुक्ति पत्र

गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में पिछले एक साल में विभिन्न आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वाले 10 पुलिसकर्मियों और एक इंजीनियर के परिवारों से भी मिले और उनके परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे. शाह श्रीनगर में कीर्ति चक्र से सम्मानित पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं मुजम्मिल भट की विधवा और उनके 20 महीने के बेटे से भी मिले. हुमायूं ने 2023 में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिये थे. उन्हें मरणोपरांत देश का दूसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार दिया गया था. हुमायूं मुजम्मिल भट उन चार सुरक्षाकर्मियों में शामिल थे, जो सितंबर 2023 में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के गडूल गांव के आसपास घने जंगलों में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए.

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