12 साल बाद ही क्यों लगता है महाकुंभ मेला? जानें धर्म और संस्कृति के संगम से जुड़ी खास बातें

कुंभ के शब्द का मतलब कलश होता है. सनातन धर्म में कलश की स्थापना होती है जिसे कुंभ भी कहा जाता है.यह 12 साल में होता है तो महाकुंभ कहा जाता है और 6 साल में जब यही मुहूर्त आता है तो हम उसे अर्धकुंभ कहते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 1 min

महाकुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है. यह भारत की पवित्र नदी पर आयोजित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम है. दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक सम्मेलन कुंभ में भाग लेने देश-विदेश से हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालु आते हैं. ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ मेले के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से न केवल आत्मा की शुद्धि होती है, बल्कि सारे पाप भी धुल जाते हैं. महाकुंभ मेला (Mahakumbh Mela 2025) हर 12 सालों में आयोजित किया जाता है. आइए जानते हैं कि 12 साल बाद आयोजित हो रहा महाकुंभ क्यों खास है. 

Featured Video Of The Day
Social Media निंदा रस से भरा हुआ- CEC Rajiv Kumar | NDTV Indian Of The Year
Topics mentioned in this article