अलविदा जुबीन दा: हर आंख नम, ताबूत से लिपट गई पत्नी, चिता जलते ही बज उठा फेवरेट गाना

गुवाहाटी में हजारों गमगीन आंखों के बीच जुबीन गर्ग की अंतिम यात्रा निकली, लेकिन उनकी पत्नी गरिमा की खामोश निगाहें और टूटता हुआ दिल सबको रुला गया. असम के बेटे ने हमेशा के लिए आंखें मूंद लीं, पर उनकी आवाज अब भी हर दिल में गूंजती रहेगी.

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  • लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार गुवाहाटी में राजकीय सम्मान के साथ किया गया
  • जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर कांच के ताबूत में रखकर पारंपरिक असमिया गमोसा में लपेटा गया था
  • हजारों लोगों ने बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जुबीन गर्ग को अंतिम श्रद्धांजलि दी
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गुवाहाटी:

उनकी आंखों के आंसू सूख चुके थे. उनके वो अपने बिछावन में चैन की नींद में सोए थे. वो बात करने की कोशिश तो कर रहीं थीं लेकिन मुंह से बोल नहीं फूट रहे थे. पूरी दुनिया जिनकी गीतों का दीवाना है, वो आज आंखें मूंदकर सो रहा था. अपने हमसफर जुबीन गर्ग से पत्नी गरिमा सैकिया मन ही मन बात कर ही होंगी. कह रही होंगी अगले जनम तुम फिर मुझे मिलना. भला इतना प्यार करने वाला जो गया था. पूरा देश जुबीन के गम में गमगीन है. पत्नी तो पति का साया होती है लेकिन आज उसके साये ने खुद को उससे दूर कर लिया. इस गम के गुबार को गरिमा आंखों में आने भी नहीं दे रही. लेकिन अपने जुबीन को निहारते उनकी ये तस्वीर दिल को झकझोर देने वाली है.

पूरा असम आज अपने बेटे को अंतिम विदाई देने पहुंचा था. पर अपने पति को विदा करने से पहले गरिमा उन्हें जी भरकर निहार लेना चाहती हैं.. क्योंकि उन्हें पता है कि अब उनका शरीर उनके पास नहीं होगा. कभी अपनी आवाज से दुनिया को मदहोश करने वाले जुबीन अब कभी नहीं गा पाएंगे. हां, उनकी आवाज जरूर गूंजेंगी लेकिन हमारे आपके दिलों में. 

गरिमा पत्नी होने का कर्तव्य निभा रही हैं. वो मन ही मन सोच रही होंगी कि आखिर क्या बोले. किससे बोले.. उनका हमसफर तो उस नींद में है जहां से उसका वापस आना संभव नहीं. इसलिए बस जी भरकर निहार ले रही हैं.

बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था शव

गौरतलब है कि लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की अंतिम यात्रा गुवाहाटी में अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से श्मशान घाट के लिए शुरू हुई.   गर्ग के शव का गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दूसरी बार पोस्टमॉर्टम किया गया और इसके बाद उनका पार्थिव शरीर फिर से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लाया गया था, जहां हजारों की संख्या में लोगों ने अपने चहेते कलाकार को अंतिम श्रद्धांजलि दी. 

कांच के ताबूत में था शव

गर्ग के पार्थिव शरीर को कांच के ताबूत में रखा गया  और पारंपरिक असमिया ‘गमोसा' में लपेटकर फूलों से सजी एम्बुलेंस में ले जाया गया.  वाहन के सामने गायक की एक बड़ी तस्वीर लगाई गई. गर्ग के 85 वर्षीय पिता और पत्नी गरिमा सैकिया अलग-अलग वाहनों में उनके पीछे-पीछे चल रहे थे. हजारों प्रशंसक गायक के पार्थिव शरीर के साथ चल रहे थे.  जुबिन का अंतिम संस्कार खेल परिसर से लगभग 20 किलोमीटर दूर कमरकुची एनसी गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. 

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