श्रीनगर-लेह मार्ग पर जोजिला पास अपने तय समय से पहले खोला गया

जोजिला पास खुलने से लद्दाख का कश्मीर से सड़क संपर्क शुरू हो गया, करगिल और लेह के लोगों को राहत मिली

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श्रीनगर-लेह मार्ग पर स्थित जोजिला पास आवागमन के लिए खोल दिया गया.
नई दिल्ली:

कोरोना के कहर से हर तरफ कोहराम मचा हुआ है, पर ऐसे हालात में भी बार्डर रोड्स के श्रीनगर-लेह मार्ग के जोजिला पास (Zoji La Pass) को आम आदमी के लिए खोल दिया गया है. पहले यह रणनीतिक मार्ग करीब पांच-छह महीने बंद रहता था पर अब रास्ता खोल देने से दोनों तरफ से गाड़ियां दौड़ने लगी हैं. इससे करगिल और लेह के लोगों को राहत मिली है. इस राजमार्ग का सबसे खतरनाक हिस्सा है 11,650 फीट पर जोजिला पास. जोजिला पास के जरिए ही कश्मीर घाटी लद्दाख से जुड़ पाती है. 

भारी बर्फबारी की वजह से नवंबर महीने के दूसरे हफ्ते में यह पास बंद कर दिया जाता है. हर साल करीब 150 दिन यह पास बंद ही रहता है. बार्डर रोड्स के जवानों ने अपनी मेहनत से इस सड़क को 40 दिन पहले ही खोल दिया. बीआरओ के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने प्रोजेक्ट बिकन और विजयक के अधिकारियों और जवानों की इस उपलब्धि के लिए सराहना की. जनरल चौधरी ने यह  भी कहा कि रामनवमी  के दिन और रमजान के महीने में इस पास का खुलना लोगों के लिए उपहार स्वरूप है. 

हालांकि पहले सात फरवरी को इस पास को सेना और सिविल ट्रैफिक के लिए खोला गया था लेकिन खराब मौसम, भारी बर्फबारी और कम रोशनी की वजह से पास को बंद कर दिया गया. आपको बता दें कि इस राजमार्ग के चार-छह महीनों तक बंद होने से लाखों लोगों का संपर्क शेष विश्व से कट जाता है. 

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बर्फबारी की वजह से साल में कम से कम 6 महीनों तक बंद रहने के कारण द्रास, लेह और करगिल के नागरिक सड़क मार्ग से कट जाते हैं. किसी को इस दौरान कुछ भी चाहिेए तो उसके पास सिवाय वायु मार्ग के कोई दूसरा विकल्प नही होता. इन छह महीने का राशन लोग तब जमा कर लेते हैं जब यह मार्ग चालू रहता है. श्रीनगर से लेह 434 किमी की दूरी पर है. आप सोच भी नहीं सकते कि ठंड के मौसम में राजमार्ग कितना खतरनाक होता है. सोनमर्ग से जोजिला तक का 24 किमी का हिस्सा बर्फ से ढंका रहता है. इसी बर्फ को काट कर जवान रास्ता बनाते हैं.

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