मुंबई में दही हांडी फोड़ने गए एक 24 साल के युवक की मौत हो गई. दही हांडी उत्सव के दौरान विलेपार्ले के शिव शंम्भो गोविंदा पथक का संदेश दलवी 7वें लेयर से नीचे गिर गया था. बाद में सरकारी कूपर अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद उसे घर जाने दिया गया था.
लेकिन फिर उसकी तबीयत खराब होने के बाद उसे नानावटी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
गौरतलब है कि मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी फोड़ने की परंपरा है. इस दौरान कई युवक घायल भी हो जाते हैं. इस साल कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) पर दही हांडी समारोह में मानव ‘पिरामिड' निर्माण में प्रतिभागी 222 ‘गोविंदा' घायल हो गए, जबकि ठाणे शहर में 64 प्रतिभागी जख्मी हुए.
निकाय अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में अधिकांश घायलों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 23 अन्य को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बतायी गई है. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह क्षेत्र ठाणे शहर में 64 घायलों में से 12 का अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं.
कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव पर होने वाले दही हांडी कार्यक्रम दो साल के अंतराल के बाद इस बार राज्य भर में आयोजित किए गए. कोविड-19 महामारी के कारण इन्हें स्थगित कर दिया गया था. प्रतिभागियों की मंडली ऊंचाई पर लटकाई गई दही हांडी को तोड़ने के लिए मानव ‘पिरामिड' का निर्माण कर एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं. यह त्योहार विशेष रूप से मुंबई, ठाणे और आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. दही हांडी आयोजनों और प्रतिभागियों की मंडलियों को इन क्षेत्रों में राजनीतिक संरक्षण मिलता है.