दिल्ली की निर्वाचित सरकार और बीजेपी शासित केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किए गए इसके उप राज्यपाल (LG) के बीच का कलह सोमवार को तब और बढ़ गया जब एलजी वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाया लेकिन इस न्यौते के साथ के तंज को अनदेखा नहीं किया जा सकता. उप राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा, "सबसे पहले, मैं सराहना करना चाहता हूं कि आपने शहर में गवर्नेंस को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है और संवैधानिक प्रावधान कानूनों व अधिनियमों की पेचीदगियों में शामिल हो गए हैं जो दिल्ली में प्रशासन की बहुस्तरीय योजना को दर्शाते हैं." केजरीवाल ने इस "तंज' की ओर इशारा करते हुए जवाब देने में देर नहीं लगाई. उन्होंने लिखा, " "मैंने चुनाव अभियान के बाद 'शहर में शासन को गंभीरता से लेना शुरू किया. आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसके राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते मुझे देश के कई हिस्सों में चुनाव अभियान में जाना पड़ता है.आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसके राष्ट्रीय संजोयक होने के नाते मुझे देश के कई हिस्सों में चुनाव अभियान में जाना पड़ता है."पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा बीजेपी के कई सीएम उस समय चुनाव प्रचार कर रहे थे."
एलजी ने यह भी लिखा कि मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच नियमित बैठकों की व्यवस्था पिछले साल अक्टूबर से केजरीवाल के"राज्य विधानसभा और नगरपालिका चुनावों में आपकी व्यस्तता के कारण मिलने में असमर्थता" व्यक्त करने के बाद बंद कर दी गई थी. केजरीवाल की ओर से एलजी पर"अवैध" और "असंवैधानिक" निर्णय लेने का आरोप लगाने के दो दिन बाद यह पत्र सामने आया है. एलजी वीके सक्सेना द्वारा एक अस्थायी स्पीकर और 10 एल्डरमेन की नियुक्ति पर दिल्ली के नागरिक निकाय में भारी विवाद के एक दिन बाद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा था, "भारत की राजधानी के शासन (गवर्नेंस) में अजीब चीजें हो रही हैं."
आम आदमी पार्टी ने तर्क दिया था कि एल्डरमैन की नियुक्ति सरकार के परामर्श से की जाती है लेकिन परिषद के वरिष्ठतम सदस्य के बजाय एलजी सक्सेना ने बीजेपी के एक सदस्य को अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया. इस मुद्दे पर विवाद काफी बढ़ गया था और हंगामे और AAP व बीजेपी पार्षदों के बीच तीखी तकरार के बाद दिल्ली के महापौर का चुनाव टालना पड़ा था. सीएम केजरीवाल ने एक ट्वीट में उप राज्यपाल के कदम को असंवैधानिक करार दिया था. उन्होंने LG पर नौकरशाही पर पूर्ण नियंत्रण रखने का भी आरोप लगाया था और जोर देकर कहा था कि अधिकारी "अवैध" आदेशों का पालन करते हैं, क्योंकि वे इनकार करने के "नतीजों से वे डरते हैं.".
वीके सक्सेना को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या LG किसी ऐसे विषय की जिम्मेदारी लेंगे जहां कानून "प्रशासन / उपराज्यपाल" को Executing Authority के रूप में वर्णित करता है. बता दें, एल्डरमैन और अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति करते समय एलजीसक्सेना ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि संबंधित कानून में उल्लेख है कि "प्रशासन/उपराज्यपाल" ऐसी नियुक्ति कर सकते हैं. केजरीवाल ने पत्र में लिखा, "क्या इसका मतलब है कि अब से बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और जल, ये सब विभाग सीधे आपके द्वारा चलाए जाएंगे? फिर चुनी हुई सरकार क्या करेगी, सर?
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