प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को मेरठ में एक मेगा रैली के जरिए 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य यूपी में चुनाव अभियान का बिगुल फूंकेंगे. उत्तर प्रदेश की भारतीय राजनीति में बहुत अहम भूमिका है और योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रदर्शन से पार्टी और मज़बूत हुई है. पीएम मोदी ने इस बार बीजेपी के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 पार का लक्ष्य तय किया है, और उसको पाने का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही गुजरता है.
यूपी में बीजेपी को कितनी सीटें मिलती हैं, इसका काफी हद तक दारोमदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और छवि के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर भी है. योगी सरकार के 7 साल पूरे हो चुके हैं. वो उत्तर प्रदेश में लगातार सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री बने रहने वाले नेता हैं. अब उनके काम भी अगले चुनाव में बोल सकते हैं, जिनमें राम मंदिर का सवाल सबसे अहम है, जिसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ अक्सर अयोध्या जाते रहे हैं.
यूपी में 50 से अधिक उत्सव-महोत्सव होते हैं. इनमें भी अयोध्या, काशी और मथुरा में सबसे ज्यादा महोत्सव आयोजित होते हैं. अयोध्या में 22 लाख से ज्यादा दीपों का जलाया जाना एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. वहीं भगवान बुद्ध से जुड़े प्रतीकों और स्थलों पर होने वाले महोत्सवों में भी दुनिया भर के पर्यटक आते हैं. यूपी में पिछले एक साल में ही 44 करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए, जो अब तक का रिकॉर्ड है.
धार्मिक प्रतीकों से निकली आस्था से करोड़ों लोगों का विश्वास जुड़ा है और उस विश्वास के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा से लेकर गोरखपुर और काशी तक हमेशा सक्रिय रहते हैं.
वाराणसी में पीएम मोदी के साथ रैली में सीएम योगी ने कहा था, "धर्म में शक्ति है और भारतीय परंपरा में महिलाओं को भी शक्ति का प्रतीक माना गया है."
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस सख्त प्रशासक वाले अंदाज के कायल खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं. पीएम ने यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर योगी की तारीफ करते हुए कहा था कि यहां अपराधियों के साथ सख्ती हुई है, उत्तर प्रदेश की बहन बेटियों और आम लोगों के प्रति संवेदना दिखाई गई है.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 3 लाख 19 हजार से अधिक बेटियों की शादी की गई है. उसी तरह बाढ़, सूखा और ओलावृष्टि से प्रभावित 47 लाख 57 हजार से ज्यादा किसान परिवारों को पूरी मदद की गई है. 7700 से ज्यादा रैनबसेरा बनाकर ठंड से लाखों लोगों को बचाया गया, जिसके लिए करीब 56 लाख कंबल बांटे गए. वहीं राज्य में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कोई तकलीफ ना हो, इसके लिए यमुना अथॉरिटी में 350 एकड़ में मेडिकल डिवाइस पार्क बनाया गया तो ललितपुर में दो हजार एकड़ में बल्क ड्रग पार्क बनाया जा रहा है. साथ ही मेडिकल स्टाफ की कमी ना हो, इसके लिए योगी सरकार में 20317 स्टाफ नर्स, 1,940 फार्मासिस्ट, 6,421 लैब टेक्नीशियन तथा 26,897 एएनएम का चयन किया गया है.
इन छोटे-छोटे प्रयासों से उत्तर प्रदेश के लोगों की जिंदगी में बड़े-बड़े बदलाव आए हैं. हालांकि सवाल ये भी कि ये बदलाव वोट में कितना तब्दील हो सकता है?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फलसफा है, "पढ़ रहा है यूपी, बढ़ रहा है यूपी"
सीएम योगी के 7 के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव :-
- जर्जर भवनों की जगह नए और उच्च तकनीक से युक्त विद्यालय बनाए गए.
- विद्यालयों में स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब्स जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से बच्चों को सिखाया जा रहा है.
- कौशल विकास के माध्यम से रोजगार से जुड़े तकनीकी ज्ञान दिए जा रहे हैं.
- बेटियों के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित, सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
- मजदूरों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय बनाए गए हैं.
वहीं बीजेपी को लगता है कि योगी आदित्यनाथ की सक्रिय भागीदारी 2024 के चुनावी रण में अपना रंग दिखाएगी. चहुंमुखी विकास के लिए जहां सड़कों का निर्माण जरूरी है, वहीं उद्योगों को रफ्तार और निवेश की नई बयार के बगैर किसी राज्य के लिए विकसित होने का सपना पूरा करना आसान नहीं हो सकता.
विकास के इन्हीं प्रयासों और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जैसे अत्याधुनिक राजमार्गों से जहां आम लोगों की जिंदगी में खुशहाली के लिए रास्ते खुल रहे हैं, वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मयोगी मुख्यमंत्री वाली छवि बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.