उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य पुलिस बल में कांस्टेबल, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन सहित कई पदों पर सीधी भर्ती में अग्निवीरों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया. राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया. मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री खन्ना ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अग्निपथ योजना के तहत अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पूर्व अग्निवीरों को सार्थक सेवा के बाद अवसर प्रदान करना है.
आरक्षण सभी श्रेणियों में होगा लागू
उन्होंने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है. आरक्षण सभी श्रेणियों - सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी पर लागू होगा. अगर कोई अग्निवीर एससी श्रेणी से संबंधित है, तो आरक्षण एससी के भीतर लागू होगा; अगर ओबीसी है, तो ओबीसी के भीतर.' खन्ना ने कहा कि इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अग्निवीरों को तीन साल तक की विशेष आयु छूट भी प्रदान की जाएगी. इस संबंध में भर्ती की चार श्रेणियां हैं- कांस्टेबल पुलिस, कांस्टेबल पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन, जिनमें अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी.
किन-किन राज्यों में अग्निवीर आरक्षण
उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत भर्ती का पहला बैच 2026 में आएगा. खन्ना ने कहा, 'कई राज्यों और केंद्रीय बलों ने अग्निवीरों को आरक्षण देने के लिए पहल की है. सीआईएसएफ, बीएसएफ और हरियाणा तथा ओडिशा जैसे राज्यों ने पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण की पेशकश की है. उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने अब 20 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है, जो एक साहसिक और उदार पहल है.' उन्होंने कहा, 'यह न केवल उनकी (अग्निवीरों की) सेवा को मान्यता देता है बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि वे अपने सैन्य कार्यकाल के बाद भी देश के सुरक्षा ढांचे में योगदान देना जारी रख सकें.'
साल 2022 में लॉन्च हुई थी अग्निपथ योजना
केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना लॉन्च की थी. इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है. चार साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है. चार साल बाद जवानों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी. इसी मेरिट के आधार पर 25% अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा. अग्निवीरों के पहली खेप का कार्यकाल 2026-27 में पूरा होगा. यह संख्या 1 लाख के करीब है. इनमें 25 हजार सेना में नियमित हो जाएंगे. 25 प्रतिशत से ज्यादा अग्निवीरों की नौकरी पक्की हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक तीनों सेनाओं में जवानों के पद खाली हैं. इन पदों को भरने के लिए अग्निवीरों को स्थायी किया जा सकता है.
(भाषा इनपुट्स के साथ)