योगी आदित्यनाथ की सीएए प्रदर्शनकारियों को चेतावनी, 'आज़ादी' के नारे लगाना देशद्रोह माना जाएगा

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा - आजादी के नारे लगाना देशद्रोह माना जाएगा और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी

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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बुधवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि आजादी के नारे लगाना देशद्रोह माना जाएगा और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. न्‍यूज एजेंसी ANI के अनुसार कानपुर के साकेतनगर स्थित मैदान में बुधवार को सीएए के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा, 'अगर किसी ने प्रदर्शन के नाम पर आजादी के नारे लगाए, इसे देशद्रोह की तरह माना जाएगा और सरकार सख्‍त कार्रवाई करेगी. यह स्‍वीकार नहीं किया जा सकता. लोगों को भारत की मिट्टी से ही भारत के खिलाफ साजिश करने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की भी लगातार खबरें आती रही हैं. लखनऊ के मशहूर क्‍लॉक टावर के पास नागरिकता कानून के खिलाफ अनिश्चित कालीन प्रदर्शन कर रहे लोगों, जिनमें ज्‍यादातर महिलाएं थीं, उनके खिलाफ दंगा करने और गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने के आरोप लगे हैं. पुलिस ने मामले में तीन एफआईआर दर्ज की हैं जिनमें मशहूर उर्दू शायर मुनव्‍वर राणा की बेटी सुमैया राणा और फौजिया राणा को भी नामजद किया गया है.

पुलिस पर लोगों के कंबल और खाना तक उठा ले जाने के आरोप लगे. इन आरोपों को खारिज करते हुए लखनऊ पुलिस ने कहा कि पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद कंबल जब्‍त किए गए हैं. इटावा से सामने आए कुछ वीडियो में पुलिस महिला प्रदर्शनकारियों को दौड़ाती दिख रही है. वहीं कुछ में जबरदस्‍ती दुकानों को बंद कराती भी दिख रही है. इटावा पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि प्रदर्शनस्‍थलों पर प्रदर्शनकारियों की निगरानी के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.

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मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे प्रदर्शन के नाम पर उन महिलाओं एवं बच्चों को आगे कर रहे हैं जिन्हें सीएए के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है. सीएम योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह लोग स्वयं आंदोलन करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि अगर यह तोड़फोड़ करेंगे तो इनकी प्रॉपर्टी जब्त हो जाएगी.'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब इन्होंने क्या किया है? अपने घर की महिलाओं को चौराहे चौराहे पर बैठाना प्रारंभ कर दिया है. बच्चों को (प्रदर्शन में) बैठाना प्रारंभ कर दिया है... इतना बड़ा अपराध कि पुरूष घर में सो रहा है रजाई ओढ़कर और महिलाओं को आगे करके चौराहे चौराहे पर बैठाया जा रहा है.''

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उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, सपा और वामपंथी दल देश की कीमत पर राजनीति कर रहे हैं और अब विरोध के नाम पर महिलाओं को आगे करने का हथकंडा अपनाया जा रहा है जिन्हें यह भी नहीं मालूम कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) क्या है? उन्होंने दावा किया, ‘‘इनके (विपक्षी दलों के) लिये देश महत्तवपूर्ण नही है. इनके लिये हिंदू, सिख, बौध्द, जैनी और पारसी महत्वपूर्ण नही है. अब तो कांग्रेस के लिये इसाई भी महत्तवपूर्ण नहीं रहे.'' मुख्यमंत्री का संकेत सीएए के उस प्रावधान की ओर था जिसके तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धर्म के आधार पर प्रताड़ित छह अल्पसंख्यकों..हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध एवं जैन पंथों के लोगों को नागरिकता दिये जाने की बात है.

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