योगी आदित्यनाथ ने क्यों लिया यादव और मुस्लिम आरोपियों का विधानसभा में नाम, क्या हैं इसके राजनीतिक मायने?

सीएम योगी ने तंज भरे अंदाज में कहा, ''यह सद्भावना वाले लोग हैं? यानी अब इनके लिए सद्भावना ट्रेन चलाएंगे?.... नहीं इनके लिए बुलेट ट्रेन चलेगी. चिंता मत करो

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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) गुरुवार को पूरे तेवर में दिखें. लखनऊ के गोमतीनगर में हुई घटना को गंभीरता से लेते हुए सीएम ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार से कोई समझौता नहीं करेगी इसे दोहराया. इस दौरान सीएम ने कहा कि कल की जो गोमतीनगर की घटना है उसकी सूची मेरे पास आयी है .सीएम ने कहा कि पहला आरोपी पवन यादव है और दूसरा मोहम्मद शबाज़ है. इन लोगों के लिए 'बुलेट ट्रेन' चलेगी.

आरोपियों के नाम के पीछे क्या हैं राजनीतिक मायने?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिन आरोपियों के नाम विधानसभा में लिए उनमें एक यादव और मुस्लिम हैं.यह संयोग था या प्रयोग इसे लेकर राजनीति के जानकार चर्चा कर रहे हैं. ये दोनों ही आरोपी जिस जाति से आते हैं वो समाजवादी पार्टी का कोर वोट बैंक रहा है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों के नाम को सामने रखकर समाजवादी पार्टी को बड़ा संदेश दिया. योगी आदित्यनाथ समाजवादी पार्टी के समर्थकों पर लगने वाले आरोपों को मजबूती देने का प्रयास किया है. 

सपा पर सीएम योगी का डायरेक्ट हमला
 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'आप  अपने लोगों को समझाए'. सपा पर तंज करते हुए योगी ने कहा कि जो भी व्यक्ति अराजकता पैदा करने की कोशिश करेगा, उसका खुद भुक्तभोगी होगा. मैं आप से (सपा से) भी कहूंगा कि आप अपने लोगो को समझाएं की कानून से चलें.

गैर यादव वोट बैंक को साधती रही है बीजेपी 
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीजेपी पिछले लगभग 1 दशक से गैर यादव ओबीसी वोट बैंक को साधती रही है. बीजेपी की कोशिश रही है कि अन्य जातियों के वोट बैंक को अपने साथ मजबूती के साथ रखे. हालांकि कई बार बीजेपी का दावा रहा है कि यादव वोट बैंक का भी एक बड़ा हिस्सा चुनाव में उनके साथ खड़ा रहा है. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद सामने आए कई रिपोर्ट में दावा किया गया कि यादव समुदाय का एक बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी के साथ इस चुनाव में खड़ा रहा. 

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Photo Credit: PTI

कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी का बड़ा दांव
योगी आदित्यनाथ की सरकार हमेशा से उत्तर प्रदेश में अच्छी कानून व्यवस्था का दावा करती रही है. साथ ही बीजेपी की तरफ से दावे होते रहे हैं समाजवादी पार्टी की अगर सरकार आती है तो कानून व्यवस्था की हालत खराब हो जाएगी.  गोमतीनगर में हुई घटना को लेकर जब सरकार पर सवाल खड़े हो रहे थे. विपक्ष की तरफ से विधानसभा में इसे लेकर हंगामा किया गया. सीएम योगी ने आरोपियों के नाम को सामने रखकर मामले को समाजवादी पार्टी की तरफ मोड़ दिया. 

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 'बुलेट ट्रेन' और बुलडोजर की बात कर योगी आदित्यनाथ ने दिया संदेश
योगी आदित्यनाथ की छवि एक मजबूत प्रशासक की रही है. योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में  'बुलेट ट्रेन'की बात कर संकेत में ही कड़ी कार्रवाई की बात कर दी. साथ ही उन्होंने आरोपियों के नाम को रखकर आगे की राजनीति को भी तय कर दिया. बुधवार की घटना के बाद जहां सरकार बैकफुट पर नजर आ रही थी वहीं योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा के विषय बदल गए हैं. 

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योगी ने तंज भरे अंदाज में कहा, ''यह सद्भावना वाले लोग हैं? यानी अब इनके लिए सद्भावना ट्रेन चलाएंगे?.... नहीं इनके लिए बुलेट ट्रेन चलेगी. चिंता मत करो और उस बुलेट ट्रेन की तैयारी की जा रही है. महिला सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च महत्व रखती है. हमने इस बात को पहले दिन कहा था कि कोई खिलवाड़ करेगा तो उसका खामियाजा भुगतेगा.''

लोकसभा के परिणाम के बाद क्या बीजेपी बदल रही है रणनीति?
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को निराशा का सामना करना पड़ा था. समाजवादी और कांग्रेस गठबंधन को राज्य में अच्छी सफलता मिली थी. इस हार के बाद सीएम योगी सहित पूरी पार्टी की तरफ से लगातार चिंतन जारी है. साल 2027 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. योगी आदित्यनाथ के आज के बयान को राज्य में समाजवादी पार्टी को कानून व्यवस्था के नाम पर निशाने पर लेने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. 

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