बीजेपी की यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election Results 2022) में धमाकेदार जीत के बाद नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है. योगी आदित्यनाथ रविवार को दिल्ली में होंगे, जहां वो नए मंत्रिमंडल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से चर्चा करेंगे. इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बीएल संतोष भी शामिल होंगे. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Cabinet) के दोबारा मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने की तारीख भी अभी तय की जानी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री सुनील बंसल और यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह भी आदित्यनाथ के साथ दिल्ली आएंगे. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी यूपी मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को शामिल करने पर विचार कर रही है. डिप्टी सीएम पद के तौर पर भी नए नाम सामने आ सकते हैं.सीएम योगी आदित्यनाथ का शाम 5:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोपहर एक बजे बीएल संतोष, 3 बजे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, शाम 6 बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रात 8 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का कार्यक्रम है.
ऐसी अटकले हैं कि बीजेपी नेतृत्व ने उप मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के नामों के लिए योग्यता, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के आधार पर बुनियादी सूची तैयार कर ली है. बीजेपी कैबिनेट में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन कायम रखना चाहती है. हालांकि केंद्रीय नेतृत्व का इस सूची में आखिरी फैसला होगा. डिप्टी सीएम के तौर पर स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य का नाम चर्चा में है. स्वतंत्र देव पिछली सरकार में परिवहन मंत्री के तौर पर थे. केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) भले ही सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हों, लेकिन वो पार्टी में ओबीसी का कद्दावर चेहरा हैं. ऐसे में उन्हें दोबारा डिप्टी सीएम बनायाजा सकता है. बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya) उत्तराखंड की गवर्नर रही हैं और वो यूपी में जाटव समुदाय का नामी चेहरा हैं. बृजेश पाठक (Brijesh Pathak) ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और पिछली सरकार में कानून मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं.
यूपी बीजेपी अध्यक्ष और कुर्मी नेता स्वतंत्र देव सिंह की भी राज्य में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका रही है. योगी कैबिनेट में ब्राम्हण समीकरण को साधने के लिए लखनऊ कैंट से जीते पाठक को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. दो पूर्व पुलिस अफसरों असीम अरुण और राजेश्वर सिंह को भी कैबिनेट में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है. राजेश्वर सिंह यूपी पुलिस के साथ ईडी अधिकारी रहे हैं. असीम अरुण कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे हैं और कन्नौज सदर सीट से जीते हैं. उनके पिता राम अरुण यूपी डीजीपी पद पर रह चुके हैं.
बीजेपी के कई नेता बहुत बड़े अंतर से जीते हैं. इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह का भी नाम है, जिन्होंने 1.81 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. अभी तक नोएडा से किसी को भी योगी के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. योगी आदित्यनाथ के करीबी और अनुभवी पत्रकार शलभ मणि त्रिपाठी को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. सहयोगी अपना दल और निषाद पार्टी के प्रतिनिधियों को भी जगह दी जानी है.
एमएलसी आशीष पटेल और संजय निषाद को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. शाहजहां पुर से लगातार 9वीं बार जीते सुरेश खन्ना को भी मंत्री बनाया जा सकता है. योगी सरकार का शपथग्रहण 15 या 21 मार्च को हो सकता है.