करनाल में किसानों का धरना (Farmers Protest) रातभर से जारी है. कल शाम से किसानों ने मिनी सचिवालय को घेर रखा है. संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर बताया है कि प्रशासन एसडीएम आयुष सिन्हा को बचाने में लगा है. तीन दौर की बातचीत विफल हो गई उसके बाद किसान मिनी सचिवालय की तरफ बढ़े. पानी की बौछारें हुईं, लेकिन किसान रुके नहीं और अब किसान मिनी सचिवालय का घेराव कर रहे हैं. किसानों ने स्पष्ट कर दिया है जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी धरना जारी रहेगा. इधर, प्रशासन ने करनाल में आज भी इंटरनेट और SMS सेवा पर रोक लगा दी है.
इसे लेकर योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि यह धरना सिंघु, टिकरी या गाजीपुर बॉर्डर की तरह नहीं होगा. हमारी बहुत छोटी-सी मांग है, जिस अफसर ने किसान का सिर फोड़ने की बात की, उस पर कार्रवाई करो और जिन किसानों को चोट लगी उनको मुआवज़ा दो. इतनी छोटी-सी बात के लिए महीनों धरना चलाने का कोई इरादा नहीं. मुझे उम्मीद है सरकार को अक्ल आ जाएगी, क्योंकि जितना खीचेंगे उतना महंगा होता जाएगा. आयुष सिन्हा की जांच हो और निलंबन हो उससे पहले धरना खत्म नहीं होगा. उस अफसर पर कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि प्रमोशन मिला है.
गौरतलब है कि देश के दस बड़े केंदीय श्रमिक संगठनों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर के भारत बंद में शामिल होने का ऐलान किया है. मंगलवार को एक साझा बयान जारी कर कहा कि सभी 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेता और कार्यकर्ता भारत बंद के दौरान देशभर में प्रदर्शन करेंगे.सरकार की आर्थिक सुधार की नीतियों के खिलाफ संघ परिवार में भी टकराव खुल कर सामने आ गया है.