रक्षा क्षेत्र के लिए दमदार रहा यह साल, फ्रांस से राफेल खरीदा और तेजस के जरिए स्वेदशीकरण को बढ़ावा दिया

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया का कहना है कि देश 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादन और 50,000 करोड़ रुपए के रक्षा निर्यात की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश का रक्षा उत्पादन 1.54 लाख करोड़ रुपए रहा था, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ रुपए था. वहीं, पिछले एक दशक में इसमें 174 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 46,429 करोड़ रुपए पर था.

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नई दिल्ली:

भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए साल 2025 काफी महत्वपूर्ण रहा है. इस साल एक तरफ देश ने अमेरिका के साथ रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए 10 साल का डिफेंस फ्रेमवर्क साइन किया, साथ ही फ्रांस के साथ राफेल मरीन विमानों का सौदा किया. वहीं, रूस के साथ मिलकर रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को आगे बढ़ाया है. भारत की ओर से इस साल अमेरिका के साथ 10 वर्ष का भारत-यूएस डिफेंस फ्रेमवर्क साइन किया है. इसके तहत दोनों देश रक्षा क्षेत्र में अपनी साझेदारी को गहरा करेंगे. इसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण और नीतिगत दिशा प्रदान करना है.

इसके साथ भारत ने अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन को खरीदा है. इस डील की वैल्यू करीब 3.5 अरब डॉलर है. भारत ने इस साल अप्रैल में फ्रांस के साथ भी एक बड़ी डिफेंस डील की है, जिसमें भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने को मंजूरी दी गई है, जिसमें 22 एक सीट वाले और चार दो सीट वाले लड़ाकू विमान शामिल है. इस डील की वैल्यू करीब 63,000 करोड़ रुपए है.

एक तरफ भारत आयात के माध्यम से सेना को बिना किसी देरी के आधुनिकीरण की ओर ले जा रहा है. वहीं, स्वदेशी रक्षा उपकरणों पर जोर देकर घरेलू रक्षा उत्पादन को भी बढ़ रहा है. भारत-रूस के ज्वाइंट वेंचर इंडो-रसिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल), अमेठी ने एकके-203 असॉल्ट राइफल्स के दूसरी बैच की आपूर्ति 2025 की दूसरी छमाही में की है. यह भारत-रूस के बीच राइफल्स की आपूर्ति के लिए हुए 5,200 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत 6 लाख से ज्यादा राइफल्स की आपूर्ति की जाएगी.

इसके अलावा, सरकार ने 97 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की खरीद को भी मंजूरी दी है और इसकी वैल्यू 66,500 करोड़ रुपए है. यह फरवरी 2021 में दिए गए 83 तेजस लड़ाकू विमानों के ऑर्डर के अतिरिक्त है, जिसकी वैल्यू 46,898 करोड़ रुपए थी.

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया का कहना है कि देश 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादन और 50,000 करोड़ रुपए के रक्षा निर्यात की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश का रक्षा उत्पादन 1.54 लाख करोड़ रुपए रहा था, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ रुपए था. वहीं, पिछले एक दशक में इसमें 174 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 46,429 करोड़ रुपए पर था.

उन्होंने कहा, "भारत अब अपने रक्षा उपकरणों का लगभग 65 प्रतिशत घरेलू स्तर पर निर्मित करता है, जो पहले की 65-70 प्रतिशत की उच्च आयात निर्भरता से एक महत्वपूर्ण सुधार है."

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