दबाव में बयान दर्ज करवाने के Xiaomi के आरोप गलत और बेबुनियाद : ED

ईडी ने यह बयान शाओमी की तरफ से कर्नाटक उच्च न्यायालय में लगाए गए उस आरोप के संदर्भ में जारी किया है जिसके मुताबिक बेंगलुरु में ईडी के जांचकर्ताओं से पूछताछ के दौरान कंपनी के शीर्ष अधिकारियों को मारपीट के अलावा दबाव बनाकर उन्हें धमकाया गया.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को मोबाइल फोन विनिर्माता कंपनी शाओमी इंडिया के इन आरोपों को खारिज करने के साथ ही बेबुनियाद बताया कि कंपनी के अधिकारियों के बयान दबाव में दर्ज करवाए गए हैं. ईडी ने यह बयान शाओमी की तरफ से कर्नाटक उच्च न्यायालय में लगाए गए उस आरोप के संदर्भ में जारी किया है जिसके मुताबिक बेंगलुरु में ईडी के जांचकर्ताओं से पूछताछ के दौरान कंपनी के शीर्ष अधिकारियों को मारपीट के अलावा दबाव बनाकर उन्हें धमकाया गया. शाओमी इंडिया चीन की मोबाइल विनिर्माता कंपनी शाओमी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है.

प्रवर्तन निदेशालय ने शाओमी के इस आरोप के बारे में आई कुछ खबरों पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह 'एक पेशेवर एजेंसी है जो कामकाजी नैतिकता का पूरा ध्यान रखती है और कंपनी के अधिकारियों को किसी भी वक्त धमकाया नहीं गया और न ही उन पर दबाव बनाया गया.'

इस बयान के मुताबिक, ‘यह आरोप पूरी तरह गलत और बेबुनियाद हैं कि शाओमी इंडिया के अधिकारियों के बयान ईडी ने दबाव में दर्ज करवाए हैं. शाओमी इंडिया के अधिकारियों ने ईडी के समक्ष और फेमा कानून के तहत बयान अपनी मर्जी से दर्ज करवाए हैं.'

इससे पहले, 29 अप्रैल को ईडी ने शाओमी के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये की राशि को भारत के विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) नियमों का उल्लंघन करने के मामले में जब्त करने का आदेश दिया था. हालांकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ईडी के इस आदेश पर इस हफ्ते रोक लगा दी है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
IND vs AUS: हार के बाद आलोचनाओं के बीच Rohit Sharma और Virat Kohli के Support में उतरे Yuvraj Singh
Topics mentioned in this article