क्‍लाइमेट चेंज के कारण तबाही की ओर बढ़ रही दुनिया : NDTV से बातचीत में अमिताव घोष

अमिताव घोष ने NDTV के साथ बातचीत में कहा कि हम जो भी कर रहे हैं  उससे हम तबाही (catastrophe) की तरफ जा रहे हैं. आजकल देश में हीट वेव बढ़ रही है.

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अमिताव घोष ने कहा, क्लाइमेट चैंज की वजह से खाने की कमी हो रही है

नई दिल्‍ली:

मशहूर लेखक अमिताव घोष (Amitav ghosh) भारत सहित दुनियाभर में बढ़ रही गर्मी को क्‍लाइमेंट चेंज का परिणाम बताया है. घोष ने NDTV के साथ बातचीत में कहा कि हम जो भी कर रहे हैं  उससे हम तबाही (catastrophe) की तरफ जा रहे हैं. आजकल देश में हीट वेव बढ़ रही है.  उन्‍होंने कहा, 'आज मैं इटली से बात कर रहा हूं. यहां भी हालात वैसे ही हैं. यहा की सबड़े बड़ी नदी 'पो (Po)' में अब पानी नहीं है. पिछले 6-7 महीने से कहीं बारिश नहीं हुई है. सब कुछ क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन )की वजह से हो रहा है. वैज्ञानिकों ने भी चेताया है कि ऐसा ही चलता रहा तो धरती पर तबाही की स्थिति पैदा होगी.'गौरतलब है कि पर्यावरण को लेकर घोष की हाल ही में एक नई किताब आई है. 

घोष ने कहा, ' मुझे नहीं लगता वहां कोई एटॉमिक अटैक होगा. इसके परिणाम वो बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे. हालात खराब है लेकिन अटैक नहीं होगा. पाकिस्तान और भारत में भी जब तनाव होता है तो सभी कहते हैं कि एटोमिक अटैक होगा, लेकिन आज तक नहीं हुआ. असल परेशानी है कि यूक्रेन को ब्रैड बास्केट कहा जाता है और आप देख सकते हैं कि क्लाइमेट चैंज की वजह से खाने की कमी हो रही है. यूक्रेन से गेहूं नहीं आएगा तो बहुत बड़ा खाद्य समस्‍या होगी.'  उन्‍होंने कहा, 'इस समय बहुत लोग लिख रहे हैं. मैं उनको कहूंगा कि धरती में कितनी परेशानी है.पर्यावरण है, क्‍लाइमेंट चेंज है और वाटरलेवल राइज है, इसे लेकर लिखना चाहिए.मैंने एक कलेक्शन के लिए लिखा था.एक्पर्टस ने भी लिखा था तो मैंने कहानी लिखी. इस कहानी को आप 'मेटाफर'  कह सकते हैं. यह जो हालात हो रही है, उसके बारे में है.'

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