भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation Of India) ने शुक्रवार को अपना कार्यालय अपने पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के आवास से हटा लिया है जिस पर हाल में खेल मंत्रालय (Sports Ministry) ने गंभीर आपत्ति जताई थी. एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘बृजभूषण के घर को खाली करने के बाद डब्ल्यूएफआई नई दिल्ली में एक नये पते से काम करेगा.'' डब्ल्यूएफआई का नया कार्यालय नई दिल्ली के हरिनगर में है.
खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर को अध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित पैनल को चुने जाने के तीन दिन बाद ही निलंबित कर दिया था. मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के बृजभूषण के आवास से चल रहे कार्यालय को भी निलंबन की कार्रवाई का एक कारण बताया था.
मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा था, ‘‘महासंघ का कामकाज पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण द्वारा नियंत्रित आवास से हो रहा है और यह कथित परिसर है जिसमें खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और वर्तमान में अदालत में यह मामला चल रहा है.''
मंत्रालय ने यह भी कहा था कि नई संस्था भी डब्ल्यूएफआई के पूर्व पदाधिकारियों के पूर्ण नियत्रंण में काम कर रही है जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है.
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक तथा विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं और यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रहा है.
21 दिसंबर को बृजभूषण के करीबी सहयोगी संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई प्रमुख चुने जाने के विरोध में साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया जबकि बजरंग ने अपना पद्मश्री लौटा दिया और विनेश ने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस देने का फैसला किया.
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने एक बार फिर कुश्ती महासंघ का कामकाज देखने के लिए भारतीय वुशु संघ के प्रमुख भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया है.
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