देश के नामी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. दिल्ली के जंतर मंतर पर खिलाड़ी अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन भी धरने पर बैठे. बाद में 4 पहलवानों के डेलीगेशन ने खेल मंत्री से मुलाकात की. बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत कई अन्य पहलवान संघ के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. बजरंग पुनिया ने कहा कि यह कोई राजनीतिक विरोध नहीं है. यह हमारे अधिकारों की लड़ाई है. हम सभी पहलवानों को इसमें जुड़ने के लिए धन्यवाद देते हैं. वहीं बीजेपी नेता बबीता फोगाट भी सरकार का संदेश लेकर धरनास्थल पर पहुंचीं.
खिलाड़ियों के अलावा कई राजनीतिक शख्सियत भी रेसलरों को अपना समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पहलवानों की मांग को जायज ठहराया. उन्होंने कहा, "हमारे खिलाड़ी देश की शान हैं. विश्व स्तर पर अपने प्रदर्शन से वे देश का मान बढ़ाते हैं. कुश्ती फेडरेशन व उसके अध्यक्ष पर खिलाड़ियों ने शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. इन खिलाड़ियों की आवाज सुनी जानी चाहिए. आरोपों की जांच कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए."
जंतर मंतर पर इस प्रदर्शन में कई नामी पहलवान पहुंचे हैं. इनमें साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, रवि दहिया, विनेश फोगट, अंशु मलिक, सरिता मोरे, दीपक पुनिया, अमित धनकट, संगीता फोगट, सोनम मलिक और परमजीत जैसे नाम शामिल हैं.
अभी तक लगभग 200 पहलवान जंतर मंतर पर पहुंच चुके हैं, और पहलवानों के आने का सिलसिला जारी है.
पहलवानों का आरोप है कि, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कोच महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करते हैं. कुछ कोच तो सालों से यौन उत्पीड़न करते आ रहे हैं. हालांकि कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने इन आरोपों को ग़लत बताया है.
पहलवान बबीता फोगाट ने ट्वीट कर कहा, "कुश्ती के इस मामले में मैं अपने सभी साथी खिलाड़ियो के साथ खड़ी हूं. मैं आप सबको विश्वास दिलाती हूं कि सरकार से हर स्तर पर इस विषय को उठाने का काम करूंगी और खिलाड़ियों की भावनाओं के अनुरूप ही आगे का भविष्य तय होगा."
जंतर मंतर पर एक तरफ पहलवान धरने पर बैठे हैं तो दूसरी तरफ कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के घर के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. ब्रजभूषण सिंह दिल्ली में नहीं हैं, लेकिन उनके समर्थक लगातार उनके घर पहुंच रहे हैं.
ब्रजभूषण सिंह का विवादों से रहा है नाता
ब्रजभूषण सिंह वर्तमान में बहराइच के कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं और बेटा प्रतीक भूषण गोंडा से विधायक है. ब्रजभूषण सिंह 2011 से लगातार कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. पिछले साल वो अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी के लिए सुर्खियों में रहे थे. उन्होंने कहा था कि "जबान बंद है, बोलेंगे तो बागी कहलाएंगे." ब्रजभूषण सिंह ने दो साल पहले रांची में भरे मंच पर एक पहलवान को थप्पड़ मार दिया था. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से अलग मनसे प्रमुख राज ठाकरे के अयोध्या आने का विरोध किया था.
एक्शन में आयी सरकार
वहीं भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सरकार एक्शन में आ गई है. खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ से 72 घंटे में जवाब मांगा है. जवाब नहीं मिलने पर भारतीय कुश्ती संघ को बर्ख़ास्त भी किया जा सकता है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली एथलीट विनेश फोगाट ने आरोप लगाया है कि सालों से राष्ट्रीय कोचों ने महिला पहलवानों से छेड़छाड़ और उनका यौन शोषण किया है.
विनेश ने लगाई आरोपों की झड़ी
विनेश ने कहा, "हमें धमकी दी गई थी कि अगर हम बोलेंगे तो हमारा करियर खत्म हो जाएगा. फेडरेशन के सदस्यों ने महिला पहलवानों के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया. हमने प्रधानमंत्री से भी संपर्क किया है, कुछ कोच राष्ट्रीय महासंघों के करीबी हैं, उन कोचों ने युवा लड़कियों का शोषण किया है और ना जाने कितनी युवा लड़कियों ने उनकी वजह से दर्द सहा है."
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, "डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाए जाने तक हम किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे."
फेडरेशन ने दिया था ये जवाब
विनेश फोगाट के गंभीर आरोपों के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, "क्या कोई ऑन रिकॉर्ड है जो कह सकता है कि फेडरेशन ने हमारे साथ छेड़छाड़ किया है? अगर आपके पास महासंघ के साथ इस तरह के मुद्दे थे, तो उन्हें 10 साल तक किसी ने क्यों नहीं उठाया? जब भी नियम बनते हैं तो मुद्दे सामने आते हैं."
डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण ने कहा, "मेरे खिलाफ पहलवानों के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है, अगर एक यौन उत्पीड़न का मामला साबित हो जाता है तो भी मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं, मैं डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ूंगा, लेकिन मैं सीबीआई या पुलिस की जांच के लिए तैयार हूं."
उन्होंने आरोप लगाया, "मेरे खिलाफ इस साजिश के पीछे एक उद्योगपति है. अगर विनेश को जान से मारने की धमकी मिली तो उसने पुलिस से संपर्क क्यों नहीं किया."