इंडिगो एयरलाइंस ने एक दिव्यांग बच्चे को रांची हवाई अड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया था. क्योंकि वे ‘‘घबराया'' हुआ था. अब इस मामले पर केन्द्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि "इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं करेंगे". सिंधिया ने सोमवार को एक ट्वीट कर लिखा कि, "इस तरह का बर्ताव हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे. किसी भी व्यक्ति को इस तरह के हालात से नहीं गुजरना चाहिए. मैं इस मामले की जांच खुद कर रहा हूं, जिसके बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी."
वहीं उड्डयन नियामक डीजीसीए ने मामले की जांच शुरू कर दी है और एयरलाइन से एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. ये जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी. अधिकारियों ने कहा कि चूंकि लड़के को शनिवार को एयरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रमुख अरुण कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि नियामक ने इस मामले में इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है और वह उचित कार्रवाई करेगा. घटना के बारे में पूछे जाने पर, इंडिगो ने कहा, ‘‘यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चा 7 मई को अपने परिवार के साथ उड़ान में सवार नहीं हो सका क्योंकि वह घबराया हुआ था.''
उसने कहा कि कर्मचारियों ने आखिरी समय तक उसके शांत होने का इंतजार किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उसने कहा कि एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा दी और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी. इंडिगो ने कहा, ‘‘हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है. इंडिगो एक समावेशी संगठन होने पर गर्व करता है, चाहे वह कर्मचारियों के लिए हो या उसके ग्राहकों के लिए और 75,000 से अधिक दिव्यांग यात्री हर महीने इंडिगो के साथ उड़ान भरते हैं.''
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