कांग्रेस के लिए प्रचार करना बंद नहीं करूंगा, गुटबाजी हमें नुकसान पहुंचा रही है: आनंद शर्मा

हिमाचल कांग्रेस (Himachal Congress) संचालन समिति अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के आनंद शर्मा (Anand Sharma) लगातार पार्टी में संगठनात्मक सुधार और आतंरिक लोकतंत्र बहाल करने के लिए मजबूती से अपना पक्ष रख रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
नई दिल्ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने बुधवार को कहा कि पार्टी को पुनरुद्धार की जरूरत है और जो सामूहिक प्रयासों से संभव है. शर्मा ने बुधवार को शिमला के दौरे पर कहा कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Himachal Pradesh Congress Committee) के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश पार्टी प्रमुख प्रतिभा वीरभद्र सिंह के साथ बंद कमरे में बैठक की. पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शर्मा की अपने गृह राज्य में उनकी पहली बैठक है. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को पुनरुद्धार की जरूरत है और यह सामूहिक प्रयासों से संभव है.

शर्मा ने पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी. उन्होंने कहा, "कांग्रेसी होने के नाते जब आप किसी संगठन या परिवार में सुझाव और प्रस्ताव देते हैं तो हम कुछ सुझाव देते हैं. यह कांग्रेस परिवार का हिस्सा है."

उन्होंने आगे कहा कि "कांग्रेस को 'ए' समूह या 'बी' समूह द्वारा पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है कांग्रेस को सामूहिक रूप से पुनर्जीवित करना होगा और सभी पहले कांग्रेस से संबंधित हैं. हम अपने राजनीतिक विरोधियों से अभिभूत हैं, हमें उन क्षेत्रों में पुनरुद्धार और पुनर्प्राप्ति के लिए सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता है."

Advertisement

शर्मा ने पार्टी में आंतरिक परिवर्तन और सुधारों पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "जब हम कुछ प्रस्ताव देंगे तो हम उन पर प्रयास करना जारी रखेंगे. जहां भी मुझे आवश्यकता होगी, मैं प्रचार करूंगा और कमजोर वर्ग, महिलाओं और युवाओं के मुद्दों को उठाऊंगा." यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के साथ हिमाचल में चुनाव कराना चाहिए. शर्मा ने कहा कि पहले सामूहिक प्रयासों से चुनाव जीतने की जरूरत है. इसलिए सभी को मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए"

Advertisement


मनीष सिसोदिया को सपने देखनें दें
मनीष सिसोदिया द्वारा दिए गए 2024 के चुनावों में अरविंद केजरीवाल बनाम नरेंद्र मोदी प्रतियोगिता पर, उन्होंने कहा, "उन्हें खुश रहने दें, सभी को सपने देखने और आकांक्षाएं रखने का अधिकार है. उन्होंने कहा, "आने वाले चुनावों के लिए, पूरे देश के लिए मुद्दे लगभग एक ही मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और देश की अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति है. अंदरूनी कलह न केवल कांग्रेस में है, बल्कि भाजपा में भी है. उनके कांग्रेस पार्टी छोड़ने या किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "किसी से मिलने का क्या मतलब है कि मैं दूसरे तरह का व्यक्ति हूं, मेरा मतलब है कि लोकतंत्र में किसी से मिलने का मतलब अपनी विचारधाराओं को बदलना नहीं है. सामाजिक और पारिवारिक जीवन इससे अलग है.
 

Advertisement
Topics mentioned in this article