महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि राज्य में चुनाव से पहले हमें विश्वास बहाली के कुछ उपाय करने होंगे.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जब तक राज्य में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं होता, तब तक वो चुनाव नहीं लड़ेगी. NDTV से मुफ्ती ने कहा कि अगर चुनावों में उनकी पार्टी जीत भी जाती है, तब भी वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगी. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं की बैठक बुलाई तो उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ. उन्होंने कहा, "इस क्षेत्र में बहुत अधिक उत्पीड़न है." महबूबा ने कहा, राज्य में चुनाव से पहले हमें विश्वास बहाली के कुछ उपाय करने होंगे. लोगों का विश्वास टूटा है.. इस क्षेत्र में बहुत आत्महत्याएं हो रही हैं, इलाके के लोगों में अवसाद घर कर रहा है.
- महबूबा मुफ्ती की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने दिल्ली आवास पर जम्मू-कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत के एक दिन बाद आई है. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद क्षेत्र के राजनीतिक नेताओं के साथ केंद्र के बीच यह पहली बैठक थी.
- जब महबूबा मुफ्ती से पूछा गया कि उन्हें पीएम की बैठक में क्यों आमंत्रित किया गया था, जबकि उन पर आतंकी सहानुभूति रखने का आरोप लगाया गया था. तब उन्होंने कहा: आप यह गलत व्यक्ति से पूछ रहे हैं. इसका जवाब सिर्फ प्रधानमंत्री या गृह मंत्री ही दे पाएंगे.
- महबूबा ने कहा, जम्मू-कश्मीर में बहुत अत्याचार हो रहा है. लोग सांस भी नहीं ले पा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्थिति वैसी नहीं है जैसी वे दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं. लोग नाखुश हैं और घुटन महसूस कर रहे हैं.
- महबूबा ने कहा, उन्होंने (केंद्र सरकार) महसूस किया है कि उनकी योजना के अनुसार चीजें नहीं हुई हैं, और शायद थोड़ी सहानुभूति के कारण जो वे छोड़ गए थे, उन्होंने हमसे मिलने का फैसला किया. हम प्रधान मंत्री के कार्यालय के सम्मान के लिए वहां गए थे.
- पीडीपी चीफ ने बताया कि पीएम के साथ बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और हमने जो कुछ कहा, उसे प्रधान मंत्री और गृह मंत्री ने सुना. मुफ्ती ने कहा कि जब प्रधान मंत्री "दिल की दूरियां कम करनी है" कहते हैं, तो उसका मतलब क्या होता है, कोई भी उम्मीद कर सकता है. पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा था कि वह "दिल्ली की दूरी"और "दिल की दूरी" को हटाना चाहते हैं.
- आंकड़े भले बता रहे हों कि आतंकवाद में कमी आई है, लेकिन इस क्षेत्र में अभी भी अशांति है. जब एक स्थानीय युवक बंदूक उठाता है और फिर वह मारा जाता है, तो उसकी कब्र पर लगा झंडा पाकिस्तानी झंडा बन जाता है. एक बार आतंकवादी मारे जाने के बाद, वे पाकिस्तानी बन जाते हैं.
- उन्होंने कहा, "जिस दिन से अनुच्छेद 370 और 35A को खत्म किया गया, लोगों को डर है कि राज्य की डेमोग्राफी बदल जाएगी, इसलिए केंद्र को इन आशंकाओं को दूर करने की जरूरत है. दूसरी बात यह है कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित किया जाना चाहिए."
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