पटना में जब 16 विपक्षी पार्टियां एकता की बात कर रही थीं, उसी वक्त आम आदमी पार्टी ने नया सुर छेड़ दिया. पार्टी ने ऐलान कर दिया कि वह विपक्षी पार्टियों की किसी भी आगामी मीटिंग का तब तक हिस्सा नहीं बनेगी, जब तक कि कांग्रेस सार्वजनिक रूप से केंद्र सरकार के दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण वाले अध्यादेश का विरोध नहीं करती है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह तय करने की जरूरत है कि वह दिल्ली की जनता के साथ है या मोदी सरकार के साथ.
सूत्रों ने बताया कि पार्टी का यह ऐलान पटना में आयोजित विपक्षी पार्टियों की बैठक के दौरान कांग्रेस और AAP के बीच तीखी नोकझोंक के बाद आया है. AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश मुद्दे पर सबसे पुरानी पार्टी का रुख पूछा. इस पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने AAP की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के उस आरोप को उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा के साथ समझौते के कारण कांग्रेस कोई रुख नहीं अपना रही है.
प्रियंका कक्कड़ ने बैठक से कुछ मिनट पहले NDTV को बताया था कि उन्हें विश्वसनीय स्रोतों से इस बारे में पता चला है कि "कांग्रेस और भाजपा के बीच आम सहमति है, इसी के चलते कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं कर रही है."
कांग्रेस लगातार कहती रही है कि बड़ी बैठक इस तरह के मुद्दों के लिए अवसर नहीं थी और वे संसद सत्र से पहले इस तरह के मुद्दों पर निर्णय लेते हैं.
इसका इतना प्रचार क्यों है : खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने पटना पहुंचने पर कहा था, "इसका विरोध या समर्थन बाहर नहीं होता, संसद में होता है. संसद शुरू होने से पहले सभी पार्टियां तय करती हैं कि उन्हें किन मुद्दों पर मिलकर काम करना है. वे इसे जानते हैं और उनके नेता भी सर्वदलीय बैठकों में आते हैं. मुझे नहीं पता कि बाहर इसका इतना प्रचार क्यों है."
कांग्रेस विरोधी कई क्षेत्रीय पार्टियां साथ
पटना में आयोजित बैठक में पहली बार क्षेत्रीय स्तर पर प्रतिद्वंद्विता रखने वाली कांग्रेस का विरोध करने वाली कई पार्टियों ने मंच साझा किया है.
बीजेपी ने बताया - फोटो सेशन
उधर, बीजेपी ने विपक्ष की बैठक को फोटो सेशन बताकर खारिज कर दिया है. जम्मू में एक जनसभा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'चाहे कितनी भी पार्टियां बैठक के लिए आ जाएं, वो कभी एकजुट नहीं हो सकतीं. आज पटना में एक फोटो सेशन चल रहा है. वे (विपक्ष) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए को चुनौती देना चाहते हैं. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि पीएम मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएंगे."
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