टेक-फाइनेंस औऱ ई कॉमर्स क्षेत्र में धाक जमा रहे हैं महिलाओं के स्टार्टअप

आज देश में हर 10 में से 3 स्टार्टअप महिलाएं शुरू कर रही हैं. टेक, फाइनेंस से लेकर ई कॉमर्स क्षेत्र तक वे धाक जमा रही हैं. आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे इनोवेशन के क्षेत्र में भी महिलाएं स्टार्टअप लेकर सामने आ रही हैं. 

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नई दिल्ली:

International Women's Day : महिलाएं कारोबारी क्षेत्र में कदम नहीं रखतीं और रखती भी हैं तो पुश्तैनी कारोबार को संभालने और आगे बढ़ाने में ही उनका योगदान होता है... यह मिथक भी टूट रहा है. आज देश में हर 10 में से 3 स्टार्टअप महिलाएं शुरू कर रही हैं. टेक, फाइनेंस से लेकर ई कॉमर्स क्षेत्र तक वे धाक जमा रही हैं. आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे इनोवेशन के क्षेत्र में भी महिलाएं स्टार्टअप लेकर सामने आ रही हैं. 

ऐसे ही एक स्टार्टअप वंस अपान ए ट्रंक (once upon a trunk) की सह संस्थापिका शिवानी जैन हैं. जिन्होंने फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार किया. फैशन मार्केटिंग में एमबीए जैन ने 2015 के अंत में स्टार्टअप शुरू किया. आज छोटे-बड़े शहरों के 300 से ज्यादा युवा डिजाइनर उनकी टीम का हिस्सा हैं. जैन का कहना है कि उनका स्टार्टअप मध्यम वर्ग की महिलाओं, बच्चों की जरूरतों को पूरा करता है, क्योंकि महंगे डिजायनरों के कपड़ों, ज्वैलरी और लाइफस्टाइल उत्पादों की खरीद हर किसी के बस की बात नहीं है. जैन का मानना है कि स्टार्टअप फंड के भीतर ही महिला उद्यमियों के लिए अलग राशि होनी चाहिए.

कैशकरो (CashKaro) की सह संस्थापक स्वाती भार्गव भी ऐसा ही नाम है. कैशकरो देश में सबसे बड़ी कैशबैक और कूपन और प्राइस कंपेयरिंग साइट है. जो अमेजन, फ्लिपकार्ट समेत 1500 दिग्गज ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ चुकी है. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ीं स्वाती का कहना है कि टेक्नोलॉजी या फाइनेंस के क्षेत्र में महिलाओं के कामयाब न होने की धारणा को बदलना होगा. जैसे-2 इन क्षेत्रों में महिलाएं बढ़ेंगी, ये भ्रम भी टूटेगा. पुरुषों के बीच कामकाज के दौरान भी उन्हें कोई परेशानी नहीं होती.

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गोल्डमैन सॉक्स में 5 साल कामकाज के दौरान स्वाती को 7 सीनियर पुरुष अफसरों के साथ करते वक्त भी कोई झिझक नहीं हुई. स्वाती ने कहा कि पहले आप इंटरप्रेन्योर हैं, महिला इंटरप्रेन्योर बाद में. रतन टाटा के अलावा एक द. कोरियाई कंपनी ने उनके स्टार्टअप में एक करोड़ डॉलर का निवेश किया है. 

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कामयाबी की कहानियां बन रहीं महिलाएं
शुगरबॉक्स, शॉपक्लूज, मोबिकविक, यात्रा, इन्फीबीम, जिवामे, नयाका जैसे सैकड़ों ऐसे उदाहरण हैं, जो महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्टअप की कामयाबी की कहानी खुद कहते हैं.

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स्टार्टअप में 43 फीसदी महिला निदेशक
देश के 27084 पंजीकृत स्टार्टअप में 43 फीसदी में महिला निदेशक हैं. हालांकि वुमेन इंटरप्रेन्योर 2019 के सर्वे में भारत 57 देशों में 52वें स्थान पर है. आईटी सेवाओं, हेल्थकेयर, एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में महिला उद्यमियो की संख्या बढ़ रही है.

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स्टार्टअप के लिए इंसेंटिव भी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने महिला संस्थापक वाले स्टार्टअप के लिए प्रति माह 20 हजार रुपये तक के इंसेंटिव का ऐलान भी किया है. स्टार्टअप इंडिया के तहत वुमेन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूईपी) में भी महिलाओं को इनक्यूबेशन, ट्रेनिंग, मार्केटिंग और मेंटरशिप के गुर सिखाए जा रहे हैं. 

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