महिला आरक्षण बिल आज राज्यसभा में होगा पेश, इतिहास बनने से सिर्फ एक कदम दूर...: 10 प्रमुख बातें

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भाजपा की ओर से चौदह महिला सांसदों और मंत्रियों द्वारा विधेयक पर बहस करने की उम्मीद

नई दिल्‍ली:

महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पास हो गया है. ये विधेयक संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन आज राज्यसभा में अग्निपरीक्षा के लिए तैयार है. महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में भारी बहुमत से पारित हो गया है. इसके समर्थन में 454 और विपक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े.

  1. विपक्षी पार्टियां, महिला आरक्षण कानून में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को समान लाभ देने और अगले साल के आम चुनाव से पहले इसे लागू करने की मांग कर रही हैं. हालांकि, इसके बावजूद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के विधेयक को लोकसभा ने कल भारी बहुमत से पारित कर दिया.  
  2. भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के तीसरे दिन विधेयक के पक्ष में 454 वोट पडे और इसके खिलाफ केवल दो वोट मिले. बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. जानकारों की मानें तो राज्‍यसभा में भी इसे किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. 
  3. महिला आरक्षण बिल को दशकों की कोशिशों के बाद आखिरकार लोकसभा से मंजूरी मिल गई. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2008 में इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया, जहां 2010 में यह पारित हो गया् हालांकि, यह कभी भी लोकसभा में चर्चा के लिए नहीं पहुंचा था.
  4. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करने वाले हैं. भाजपा की ओर से चौदह महिला सांसदों और मंत्रियों द्वारा विधेयक पर बहस करने की उम्मीद है. इनमें ओबीसी समुदाय से तीन और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय की दो-दो महिला सांसद हैं.
  5. बता दें कि महिला आरक्षण कानून तुरंत लागू होने नहीं होने जा रहा है. महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने पर निर्वाचन क्षेत्रों के पहले परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण लागू किया जा सकता है.  ऐसा 2027 में होने की संभावना है, क्योंकि परिसीमन अगली जनगणना के बाद ही किया जाता है. इसलिए, बिल 2029 तक लागू नहीं हो सकता है. 
  6. विपक्षी पार्टियां, महिला आरक्षण बिल का विरोध नहीं कर रही हैं, लेकिन बिल को लाने में देरी और ओबीसी के लिए उप-कोटा वाले विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग विपक्षी पार्टियां कर रही हैं. चुनावी माहौल में विपक्ष को बैठे-बिठाए ये मुद्दा मिल गया है.
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  8. महिला आरक्षण बिल पर बुधवार को संसद में बहस की शुरुआत करते हुए, कांग्रेस संसदीय दल प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा, "पिछले 13 वर्षों से भारतीय महिलाएं अपनी राजनीतिक हिस्‍सेदारी का इंतजार कर रही हैं, और अब उन्हें कुछ और वर्षों (दो साल) इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है."
  9. वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "दो बातें अजीब लगती हैं. एक, यह विचार कि इस विधेयक के लिए आपको नई जनगणना और नए परिसीमन की आवश्यकता है. और मुझे लगता है कि यह विधेयक आज लागू किया जा सकता है. मुझे नहीं लगता कि इसे सात-आठ साल तक आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है. 
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  11. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि परिसीमन और जनगणना दोनों अगले आम चुनाव के बाद शुरू होगी. अमित शाह ने कहा, "आइए हम पक्षपातपूर्ण राजनीति से ऊपर उठकर महिलाओं को वह सम्मान दें, जिसकी वे हकदार हैं. इससे पहले उन्हें संसद से चार बार निराशा हाथ लगी है. इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया जाए."
  12. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारी समर्थन के साथ विधेयक के पारित होने की सराहना की और सभी दलों के सांसदों को उनके वोट के लिए धन्यवाद दिया. पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, "मैं सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया. नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है, जो महिला सशक्तीकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की और भी अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा."
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