कुछ महिला सांसदों ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात कर उस बच्ची के मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, जिसे उसके माता-पिता पर उचित व्यवहार नहीं करने के आरोप लगने के बाद सितंबर 2021 से जर्मनी में एक बाल देखभाल केंद्र में रखा गया है. बच्ची की मां धरा शाह जर्मनी में बाल देखभाल केंद्र से अपनी बेटी को निकालने के लिए सांसदों का समर्थन जुटाने के लिए मंगलवार को संसद परिसर में थीं.
बच्ची को चोट लगने के बाद 23 सितंबर, 2021 को जर्मनी के युवा कल्याण कार्यालय की देखरेख में रखा गया था, वह उस समय सात महीने की थी.
कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य रजनी पाटिल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता सुप्रिया सुले और वंदना चव्हाण, समाजवादी पार्टी सदस्य जया बच्चन और शिवसेना (यूबीटी) सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला की ओर से जयशंकर से मुलाकात की और मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की.
बच्चन ने कहा, ‘‘सांस्कृतिक मतभेदों के कारण उन्होंने सख्त रुख अपनाया है और हम उसके खिलाफ बोलना चाहते हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से बच्चे को वापस लाने और उसे भारत में किसी बाल देखभाल गृह में रखने का अनुरोध करते हैं.''
भारत का मानना है कि बच्ची के लिए उसके भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में रहना महत्वपूर्ण है. पिछले महीने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि बच्ची को भारत वापस भेजना उसकी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान के लिए महत्वपूर्ण है.
जयशंकर ने यह मामला अपनी जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के समक्षा उठाया था, जब वह पिछले साल दिसंबर में भारत यात्रा पर आई थीं.