ओडिशा में इन दिनों सेना के अधिकारियों और पुलिस के बीच वाद-विवाद छिड़ गया है. मामला पुलिस स्टेशन में सेना के एक अधिकारी की मंगेतर के यौन उत्पीड़न (Odisha Army Officer Assaulted) और अत्याचार का है. इस मामले में रिटायर्ड सेना के अधिकारी जनरल वीके सिंह ने कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने इसे बहुत ही शर्मनाक और भयावह करार दिया है. इस मामले को लेकर जनरल वीके सिंह और पूर्व सीबीआई डायरेक्टर एम नागेश्वर राव के बीच टकराव हो गया.
जनरल वीके सिंह और पुलिस अधिकारी आमने-सामने
यह घटना 15 सितंबर की रात को भुवनेश्वर में हुई, जिसे लेकर आक्रोश देखा जा रहा है. जनरल वीके सिंह ने ओडिशा पुलिस की निंदा करते हुए इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "सभी को रिटायर्ड अधिकारी की बेटी की बात सुननी चाहिए. ओडिशा के भरतपुर पुलिस स्टेशन में उसके साथ जो हुआ वह शर्मनाक है. ओडिशा के मुख्यमंत्री को पुलिसकर्मियों और वर्दीधारी अपराधियों को बचाने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए."
पीड़िता के बयान के मुताबिक, जब वह और उसका मंगेतर रोड रेज की घटना के बारे में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश कर रहे थे तो , तभी भरतपुर पुलिस थाने में उनके साथ कथित तौर पर मारपीट और यौन उत्पीड़न किया गया. वहीं उनके मंगेतर और सेना के अधिकारी को कथित तौर पर पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में ले लिया."
महिला और उसके मंगेतर को मिली सुरक्षा
इस मामले पर विवाद के बाद ओडिशा सरकार ने सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर को सुरक्षा मुहैया कराई है.भुवनेश्वर-कटक पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार के निर्णय के बाद दोनों के लिए निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) तैनात किए गए हैं. जब वे शहर में कहीं भी जाएंगे तो पीएसओ उनके साथ-साथ रहेंगे.
ओडिशा सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब सैन्य अधिकारी, उनकी मंगेतर और उनके पिता तथा कुछ पूर्व सैन्यकर्मियों ने राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी से मुलाकात की थी. पीड़िता ने सीएम माझी से मुलाकात के दौरान कहा कि इस मामले के कारण उसे धमकियां दी जा सकती हैं. हालांकि मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद महिला ने कहा कि अब वह राहत महसूस कर रही हैं और उम्मीद करती हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा.
महिला पर नशे में हंगामा करने का आरोप
जनरल वीके सिंह मामले में एक्शन की मांग कर रहे हैं तो वहीं पूर्व सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव कुछ और ही तस्वीर पेश कर रहे हैं. राव ने जनरल सिंह के आरोपों का खंडन करते हुए सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर पर नशे में होने और अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया.
नागेश्वर राव ने दावा किया, "एक सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर ने शराब पी और देर रात शहर में गाड़ी चलाई. वे इंजीनियरिंग छात्रों संग झगड़े में शामिल थे. इसके बाद उन्होंने भरतपुर पुलिस स्टेशन में हंगामा किया. जब उनसे मेडिकल जांच और ब्लड टेस्ट कराने के लिए कहा गया, तो उन्होंने इनकार कर दिया, जो जांच का एक सामान्य हिस्सा है.
'पुलिस के पास दुर्व्यवहार का कोई कारण नहीं'
राव ने पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि 600 से ज्यादा पुलिस स्टेशनों को मैनेज करने वाली ओडिशा पुलिस के पास सेना के कर्मियों समेत आने वालों के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई कारण नहीं था. राव ने जनरल सिंह से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए कहा कि सेना अधिकारी के पर्सनल कार्यों के लिए पुलिस की आलोचना करना अनुचित है.