आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में एक बड़ा ही अजीब मामला सामने आया है. विजयवाड़ा के अस्पताल में एक 70 वर्षीय महिला की कोरोनावायरस (Coronavirus) से मौत हो गई. 15 मई को महिला के पति ने पॉलिथीन में पैक पत्नी के शव को दफना दिया. करीब दो हफ्ते बाद 1 जून को परिवार ने मृतका की याद में एक स्मारक सेवा का आयोजन किया. अगले दिन परिवार व गांववाले उस वक्त सन्न रह गए, जब महिला सही-सलामत घर लौट आई.
यह चौंकाने वाला मामला आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के अंतर्गत आने वाले क्रिश्चियनपेट गांव का है. बुजुर्ग महिला गिरिजाम्मा को कोरोना होने के बाद 12 मई को विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके पति मुथयाला गद्दाया लगातार अस्पताल जा रहे थे. 15 मई को उनकी पत्नी कोविड वॉर्ड में नहीं मिली. उन्होंने दूसरे वॉर्ड में जाकर देखा लेकिन वह कहीं नहीं मिलीं. अस्पताल की नर्सों ने उनसे कहा कि शायद उनकी मौत हो गई.
अस्पताल के मुर्दाघर से पॉलिथीन में लिपटा एक बुजुर्ग महिला का शव उनको सौंप दिया गया. पत्नी की मौत से दुखी गद्दाया किसी तरह शव गांव लेकर आए और उसी दिन अंतिम संस्कार कर दिया. 23 मई को उनके बेटे मुथयाला रमेश (35) की भी कोरोना से खम्मम जिला अस्पताल में मौत हो गई.
परिवार ने 1 जून को दोनों के लिए स्मारक सेवा का आयोजन किया. जिसके अगले दिन गिरिजम्मा घर लौट आईं. वह उदास और निराश हैं कि कोरोना से ठीक होने के बाद कोई उन्हें लेने नहीं आया. उन्होंने बताया कि अस्पताल ने उन्हें घर लौटने के लिए 3000 रुपये दिए.
परिवार और गांववालों ने कहा कि कोरोना के डर से उन्होंने पॉलिथीन में लिपटे शव का चेहरा नहीं देखा था. जगियापेट के सब-इंस्पेक्टर केवी रामाराव ने कहा कि फिलहाल केस दर्ज नहीं किया गया है.