महिला को 7 करोड़ का प्लॉट महज 4 लाख में मिला, जानें क्या है पूरा मामला

लता जैन ने 50,000 रुपये बुकिंग अमाउंट देकर इस जमीन को खरीदा था. उस समय तो गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की तरफ से महिला को प्लॉट दे दिया गया था. मगर प्रॉपर्टी विवाद के चलते ये मामला उलझा रहा. उन्होंने ये जमीन नर्सिंग होम बनाने के लिए खरीदी थी.

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महिला ने इंसाफ के लिए लड़ी लंबी लड़ाई
नई दिल्ली:

दिल्ली एनसीआर में प्रोपर्टी के दाम कितने महंगे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है. कोई छोटी सी प्रोपर्टी भी खरीदने के लिए करोड़ों खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि किसी को 7 करोड़ की प्रोपर्टी महज कुछ लाख रुपये में ही मिल जाए. जी हां, ऐसा सच में हुआ है. लेकिन इसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने पड़ी. दरअसल एक महिला ने 1988 में गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 500 स्क्वेयर मीटर जमीन खरीदी थी. लेकिन, ये जमीन विवादित थी. थक हारकर आखिर में महिला ने कंज्यूमर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गई. अब जाकर 35 साल के लंबे इंतजार के बाद महिला के पक्ष में फैसला आया है.

मालिकाना हक के लिए लड़ी लंबी लड़ाई

टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लता जैन ने 50,000 रुपये बुकिंग अमाउंट देकर इस जमीन को खरीदा था. उस समय तो गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की तरफ से महिला को प्लॉट दे दिया गया था. मगर प्रॉपर्टी विवाद के चलते ये मामला उलझा रहा. उन्होंने ये जमीन नर्सिंग होम बनाने के लिए खरीदी थी. जिस पर लंबे समय तक विवाद चलता रहा. इसलिए महिला ने कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला दिया. लेकिन, इसके बाद भी कानून लड़ाई चलती रही. इस जमीन को हासिल करने के लिए महिला को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगानी पड़ी. खुशकिस्मती ये रही कि यहां भी लता जैन की जीत हुई..

लाखों की जमीन अब करोड़ों की हुई

गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (GDA) को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्देश दिया गया कि लता जैन को इंदिरापुरम इलाके में 500 स्क्वेयर मीटर प्लॉट, 1988 के मार्केट रेट पर ही तुरंत अलॉट किया जाए. गौर करने वाली बात ये है कि 35 साल पहले खरीदी गई इस 500 स्क्वेयर मीटर जमीन की कीमत उस समय 3.8 लाख रुपये थी. लेकिन, आज की तारीख में इस प्लॉट की वैल्यू 7 करोड़ रुपये है.

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