बिहार के सिवान स्थित एक निजी अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद एक महिला की मौत हो गई. परिवार ने दावा किया है कि अस्पताल प्रशासन की कथित लापरवाही के कारण महिला की मौत हुई है और डॉक्टर फरार हैं. मृतका के परिजनों ने डॉ. श्वेता रानी और मेट्रो अस्पताल पर महिला की मौत का आरोप लगाया है। परिजनों ने लापरवाही और उचित देखभाल के अभाव को मुख्य कारण बताया है. शोक संतप्त परिजन रात भर अस्पताल में रुके और इस असामयिक क्षति के लिए जवाबदेही और न्याय की मांग करते रहे.
स्थानीय पुलिस को सूचना मिलते ही महादेवा थाने के अधिकारी मेट्रो अस्पताल पहुंचे और परिवार की ओर से लगाए गए आरोपों के आधार पर घटना की जांच शुरू कर दी. परिवार के अनुसार, प्रसव के दौरान महिला की मौत के बाद, अस्पताल के कर्मचारियों ने एक निजी एम्बुलेंस बुलाई और दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया. एम्बुलेंस चालक ने महिला के शव को लगभग दो घंटे तक वाहन में ही रखा। जब परिवार ने अस्पताल में विरोध प्रदर्शन शुरू किया, तभी चालक दो घंटे बाद शव लेकर लौटा.
परिवार के सदस्यों ने बताया कि महिला कई महीनों से मेट्रो अस्पताल में डॉ. श्वेता कुमारी की देखरेख में थी. एक परिवार के सदस्य ने कहा, "डॉ. श्वेता ने कहा था कि सब ठीक है। आप मरीज को बुधवार को अस्पताल लाएं और उसे भर्ती कर लें, हम सामान्य प्रसव करा देंगे." डॉक्टर के आश्वासन पर परिवार महिला को प्रसव के लिए अस्पताल ले आया.
महिला ने प्रसव के दौरान जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मृत्यु हो गई. परिवार अब सवाल उठा रहा है कि मेट्रो अस्पताल की ओर से सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस होने का दावा करने के बावजूद ऐसी घटना कैसे हो सकती है. परिवार के अनुसार उनकी पीड़ा और बढ़ गई क्योंकि घटना के बाद डॉ. श्वेता सहित अस्पताल के डॉक्टर कथित तौर पर मौजूद नहीं थे.