गर्मी के दस्तक के साथ ही कोडरमा के किसानों के लिए वरदान बनी इजरायल की टपक सिंचाई योजना

कृषि पदाधिकारी ब्रह्मदेव शाह ने बताया कि पठारी क्षेत्र होने के नाते कोडरमा में टपक सिंचाई योजना काफी कारगर साबित हो रही है और जिले के कई प्रगतिशील किसान इसका अनुकरण कर रहे हैं.

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कृषि विभाग भी टपक सिंचाई योजना के तहत खेती बारी करने वाले किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रहा है.
कोडरमा:

गर्मी के दस्तक देते ही जहां जल संकट गहराने लगा है, वहीं इजरायल से अडॉप्ट की गई टपक सिंचाई योजना कोडरमा के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है. बता दें कि टपक सिंचाई योजना के जरिए कम से कम पानी में ज्यादा से ज्यादा खेतों में पानी डाला जा सकता है, यह विधि गर्मी के मौसम में काफी उपयोगी साबित हो रही है. कोडरमा के चंदवारा प्रखंड के सरदारोडीह में सेवा साव का पूरा परिवार टपक सिंचाई योजना के जरिए कई एकड़ में फैले अपने खेतों में पटवन कर रहा है. साथ ही टमाटर और चना समेत विभिन्न तरह की सब्जियों का उत्पादन कर रहा है.

सेवा साव भी यह मानते हैं कि खेती किसानी पूरी तरह से मौसम पर आधारित होती है. कभी समय से बारिश हुई तो फसल अच्छी होती है और कभी बेमौसम बारिश हो गई तो फसल बर्बाद हो जाती है. फिलहाल, यह परिवार 20 फीट ब्यास वाले कुएं से तकरीबन 20 एकड़ में फलों और सब्जियों की खेती कर रहा है.

इधर, कृषि विभाग भी टपक सिंचाई योजना के तहत खेती बारी करने वाले किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रहा है. विभाग की ओर से टपक सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप दिए जा रहे हैं.

कृषि पदाधिकारी ब्रह्मदेव शाह ने बताया कि पठारी क्षेत्र होने के नाते कोडरमा में टपक सिंचाई योजना काफी कारगर साबित हो रही है और जिले के कई प्रगतिशील किसान इसका अनुकरण कर रहे हैं. टपक सिंचाई योजना न सिर्फ पानी बचाने की दिशा में एक बेहतर कदम है, बल्कि इस पद्धति से बूंद बूंद से खेती कर न सिर्फ खेतों की नमी बरकरार रखी जाती है, बल्कि कोडरमा जैसे ड्राई जोन वाले इलाकों में बेहतर पैदावार की जा सकती है.

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