CM भगवंत मान के हस्तक्षेप से भारत सरकार और किसानों के बीच विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनी 

सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को बंद करने का ऐसा कोई भी कदम देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल देगा और किसी भी तरह से देश के हित में नहीं होगा. 

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नई दिल्ली:

देश के किसान बीते कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वह अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली तक भी आए. जिन राज्यों के किसान प्रदर्शन में सबसे आगे दिख रहे हैं. उनमें खास तौर पर पंजाब किसान भी शामिल है. सूबे के किसानों की समस्याओं को देखते हुए सीएम भगवंत मान ने इस मुद्दे में हस्तेक्षप किया है. सीएम मान के निजी हस्तक्षेप पर केंद्र सरकार और किसानों के बीच पहले दौर की बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर सहमति बन गई है.  

इस विवाद को लेकर किसान और केंद्र सरकार के बीच एक बैठक भी हुई. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद के अलावा मुख्यमंत्री और विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस मौके पर सीएम मान ने कहा कि पहले दौर की बातचीत में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने को लेकर आम सहमति बनी.

उन्होंने कहा कि चर्चा सहज माहौल में हुई और केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नकली बीज उत्पादकों के खिलाफ अनुकरणीय सजा की मांग की गई ताकि अनाज उत्पादकों के हितों की रक्षा की जा सके और धान की पराली जलाने का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया गया. 

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मुख्यमंत्री ने किसानों के मुद्दों को जोरदार तरीके से पेश करते हुए फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने पर जोर दिया और कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करना समय की प्रमुख जरूरत है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को वापस लेना केवल उन अर्थशास्त्रियों की अटकलें हैं जो जमीनी हकीकत पर विचार किए बिना राष्ट्रीय राजधानी में अपने आरामदायक कार्यालयों में बैठे हैं. सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को बंद करने का ऐसा कोई भी कदम देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल देगा और किसी भी तरह से देश के हित में नहीं होगा. 

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एक अन्य मुद्दे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने देश में फसली विविधीकरण को बड़ा बढ़ावा देने पर भी जोर दिया क्योंकि यह लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने कहा कि आज भारत मोजाम्बिक जैसे देशों से दालें आयात करता है, लेकिन अगर किसानों को लाभकारी मूल्य मिले तो वे इन दालों का उत्पादन यहीं कर सकते हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे देश का फायदा होगा ही, साथ ही किसानों को धान के चक्र से बाहर निकालने के साथ-साथ प्रदेश का कीमती पानी भी बचेगा. 

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मुख्यमंत्री ने किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार और किसानों को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि इन मुद्दों के समाधान के लिए यह सही और उचित मंच है. उन्होंने कहा कि हम भी इन मुद्दों पर आंदोलन नहीं चाहते, बल्कि इन मुद्दों को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि भविष्य में किसानों और लोगों के व्यापक हित में इस तरह की और चर्चाएं होंगी.

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