तेलंगाना चुनाव नजदीक आने के साथ क्या वाईएस शर्मिला की बढ़ रही कांग्रेस से नजदीकी?

तेलंगाना चुनाव से पहले सभी की निगाहें कांग्रेस पर हैं क्योंकि वह विपक्षी नेता वाईएस शर्मिला के साथ मिलकर सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के खिलाफ वोटों को मजबूत करने की जुगत लगाने की कोशिश में है.

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वाईएस शर्मिला ने इन अफवाहों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी कि उनकी पार्टी का कांग्रेस में विलय हो रहा है.
हैदराबाद:

तेलंगाना चुनाव से पहले सभी की निगाहें कांग्रेस पर हैं क्योंकि वह विपक्षी नेता वाईएस शर्मिला के साथ मिलकर सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के खिलाफ वोटों को मजबूत करने की जुगत लगाने की कोशिश में है. वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के नेता ने दिल्ली में कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की, लेकिन इसके बाद उन्होंने विलय की अटकलों की न तो पुष्टि की है और न ही इनकार किया है.

इसके अलावा, बार-बार यह कहने के बावजूद कि उनका ध्यान तेलंगाना पर है, चर्चा है कि शर्मिला, जो कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं, अगले साल जब उनके भाई के राज्य में चुनाव होगा, पारिवारिक सीमा लांघ सकती हैं.

उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा, ''सोनिया गांधी, राहुल गांधी से मुलाकात हुई... रचनात्मक चर्चा हुई. वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी तेलंगाना के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए लगातार काम करेगी.'' उन्होंने कहा, ''मैं एक बात कह सकती हूं ...केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव) की उलटी गिनती शुरू हो गई है.''

शर्मिला ने जोर देकर कहा कि उनका "एक सूत्री एजेंडा तेलंगाना में केसीआर के शासन को समाप्त करना है."

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने वाईएसआर परिवार या ''राजन्ना राज्यम'' को राज्य में लाने के वादे के साथ जुलाई 2021 में वाईएसआरटीपी की शुरुआत की थी. इसमें वे और उनकी पार्टी दोनों चुनावी रूप से शामिल हैं. वे सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधने के लिए तेलंगाना में 3,800 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकली थीं.

दिल्ली यात्रा के बाद उन्होंने कहा, "मेरे सारे प्रयास तेलंगाना के लिए हैं. मैं लोगों की स्थिति में सुधार के लिए सब कुछ कर रही हूं.  इसलिए तेलंगाना के गठन से उन्हें फायदा होगा."

पार्टी गांधी परिवार से मुलाकात से अनभिज्ञ

दिलचस्प बात यह है कि संपर्क करने पर वाईएसआरटीपी के प्रवक्ता कोंडा राघव रेड्डी ने कहा कि वे पार्टी की वरिष्ठ नेता शर्मिला की दिल्ली में गांधी परिवार से मुलाकात के बारे में अनभिज्ञ थे.

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वाईएसआरटीपी प्रमुख ने हाल ही में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित अन्य कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की है. तब चर्चा राज्यसभा सीट हासिल करने या आंध्र प्रदेश में अपने भाई को टक्कर देने में मदद को लेकर थी.

रेड्डी ने अपनी बहन की राजनीतिक गतिविधियों से खुद को दूर कर लिया है. अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने सितंबर 2009 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी लॉन्च करने के लिए कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था और वे अपनी बहन की पार्टी के लॉन्च में शामिल नहीं हुए थे.

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वाईएसआरटीपी और कांग्रेस कैसे काम करेंगी?

यदि शर्मिला वास्तव में कांग्रेस में विलय करती हैं, तो इससे उन इलाकों में बीआरएस विरोधी वोटों को मजबूत करने में मदद मिल सकती है, जहां उनकी भावनात्मक अपील है, खास तौर पर वाईएसआर के वफादारों के बीच. हो सकता है कि वह खम्मम के पलेयर से चुनाव लड़ना चाहती हों, जहां कांग्रेस का कुछ प्रभाव है, लेकिन प्रोफ़ाइल को बढ़ावा देने की आवश्यकता हो सकती है. वैकल्पिक रूप से वह सिकंदराबाद से भी भाग्य आजमा सकती हैं.

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