अजित पवार के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद अब विकास का ‘त्रिशूल’ तैयार हो गया है: देवेन्द्र फडणवीस

फडणवीस ने राज्य के गढ़चिरौली जिले में ‘शासन आपल्या दारी’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पिछले एक साल से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मैं साथ मिलकर काम कर रहे हैं. लेकिन अजित पवार के सरकार में शामिल होने से अब विकास का ‘त्रिशूल’ तैयार हो गया है, जो राज्य से गरीबी और पिछड़ापन दूर करेगा.’’

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गढ़चिरौली: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होने से सरकार अब विकास का ‘‘त्रिशूल'' बन गई है, जिससे राज्य से गरीबी और पिछड़ेपन को दूर किया जायेगा. फडणवीस ने राज्य के गढ़चिरौली जिले में ‘शासन आपल्या दारी' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पिछले एक साल से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मैं साथ मिलकर काम कर रहे हैं. लेकिन अजित पवार के सरकार में शामिल होने से अब विकास का ‘त्रिशूल' तैयार हो गया है, जो राज्य से गरीबी और पिछड़ापन दूर करेगा.''

उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘त्रिशूल' भगवान शिव की तीसरी आंख की तरह है जो आम आदमी के खिलाफ काम करने वालों को भस्म कर देगा.'' अजित पवार ने पिछले सप्ताह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जबकि उनकी राकांपा के आठ विधायकों को शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार में मंत्री के रूप में शामिल किया गया था.

‘शासन आपल्या दारी' (सरकार आपके द्वार) पहल के बारे में बात करते हुए, फडणवीस ने कहा कि इस पहल को सरकारी योजनाओं को आम लोगों के दरवाजे तक ले जाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि गढ़चिरौली के दूरदराज के इलाकों के लगभग 6.70 लाख लाभार्थियों को ट्रैक्टर, साइकिल, गोदाम, जाति प्रमाण पत्र और अन्य चीजों के रूप में विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है.

सरकार द्वारा किये गये विभिन्न विकास कार्यों के बारे में उन्होंने कहा कि गढ़चिरौली में इस्पात उद्योग में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश लाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार गढ़चिरौली को ‘स्टील सिटी' बनाने पर काम कर रही है, जिससे स्थानीय निवासियों को रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे.'' उन्होंने कहा कि कई बड़े औद्योगिक घराने गढ़चिरौली में निवेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सभी को साथ लेकर और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए हम गढ़चिरौली का ऐसा विकास करने जा रहे हैं कि कहीं भी पिछड़ापन और बेरोजगारी नहीं रहेगी.'' उन्होंने कहा, ‘‘जिले के हर युवा को, चाहे वह आदिवासी हो या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हो, रोजगार मिलेगा.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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