लोकसभा और राज्यसभा से पास हो चुके वीबी जीरामजी बिल यानी विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार व आजीविका मिशन (ग्रामीण) के मुद्दे को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. इसके बावजूद सत्र के बाद लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति की रवायती चाय कार्यकम में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच की दूरियां ख़त्म होती नजर आई. सत्र के समापन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कमरे में पीएम मोदी और प्रियंका गांधी समेत सभी दलों के प्रमुख नेता एकत्र हुए. वहीं, राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन की चाय के लिए जेपी नड्डा, खरगे, सोनिया गांधी आदि नेता पहुंचे. सूत्रों ने बताया कि सदन के अंदर की तल्खी के उलट नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में हल्की– फुलकी बातचीत हुई.
सूत्रों के मुताबिक पीएम ने अपने हालिया विदेश दौरे ख़ास तौर पर इथोपिया के बारे में बताया. वहीं प्रियंका गांधी ने पीएम से वायनाड की खास हल्दी की खूबियों के बारे में कहा कि यह गले के लिए काफ़ी लाभकारी होता है. इस दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने शीतकालीन सत्र की छोटी अवधि का सवाल उठाया और कहा कि सत्र लंबा होता तो अच्छा रहता. इस पर पीएम ने चुटकी लेते हुए पहले तो कहा कि ऐसा आपके गले का ख्याल रखने के लिए किया फिर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का जिक्र करते हुए कहा कि हुड्डा साहब से पूछिए कितने दिनों का सत्र बुलाते थे! इस पर सारे नेता हंस पड़े.
कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा ने पूर्व सांसदों के लिए नए संसद भवन की कैंटीन खोलने की मांग की तो पीएम ने फिर से मजाकिया अंदाज में कहा कि आप क्यों चिंता कर रही हैं! आपको तो अगली बार (चुनाव) में भी दिक्कत नहीं होगी.दूसरी तरफ़ राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन के सामने जयराम रमेश ने पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए विदाई कार्यक्रम का मुद्दा छेड़ दिया. इस पर राधाकृष्णन ने कहा कि जब वो पद पर थे तब आप लोग ही उनका विरोध करते थे!
पिछले साल के मानसून सत्र के बाद यह पहला मौका था जब सत्र के बाद होने वाली इस शिष्टाचार भेंट में कांग्रेस नेता पहुंचे थे. इस लिहाज से यह भी अहम बात है कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी फिलहाल विदेश दौरे पर हैं. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के न्यौते पर शामिल होने का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष खरगे ने किया. उनका मानना था कि इस बार दोनों सदनों में विपक्ष को बोलने का मौका मिला. चुनाव सुधार के नाम पर विपक्ष द्वारा चुनाव आयोग पर चर्चा की मांग मानी गई.
अब संसद का बजट सत्र 30 जनवरी से शुरू होने की संभावना है. पहले दिन राष्ट्रपति का संबोधन होगा, अगले दिन आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश होगा और फिर 1 फ़रवरी को बजट आएगा. देखना होगा कि क्या तब सता और विपक्ष के बीच कितना सौहार्द नजर आता है!














