दिल्ली में रात का कर्फ्यू, स्कूलों और कॉलेजों तथा गैर-जरूरी सामानों की दुकानों को बंद करने और मेट्रो ट्रेनों में बैठने की क्षमता आधी होने की आशंका है क्योंकि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की दर 0.43 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो चरणबद्ध प्रकिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत येलो अलर्ट शुरू होने के लिये 0.5 प्रतिशत से कुछ ही पीछे है. दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण दर शनिवार को 0.43 प्रतिशत पर पहुंच गयी और राजधानी में 249 मामले सामने आये, जो 13 जून के बाद से सबसे अधिक है. संक्रमण दर भी नौ जून के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 0.46 प्रतिशत थी.
चार स्तरीय जीआरएपी के तहत, संक्रमण दर जब 0.5 फीसदी होता है तो अगले दो दिन के लिये ‘येलो' अलर्ट शुरू हो जाता है और कई तरह के प्रतिबंध लगा दिये जाते हैं. यदि यह चेतावनी जारी की जाती है, तो अप्रैल लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से पुन: उभरने के कुछ ही महीनों बाद राजधानी में अधिकांश गतिविधियां दोबारा थम जाएंगी.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोविड की तीसरी लहर को देखते हुये जुलाई में जीआरएपी को मंजूरी दी थी . इसका उद्देश्य कोविड की स्थिति के आधार पर प्रतिबंध लगाने और हटाने की एक स्पष्ट व्यवस्था बनायी गयी है. येलो अलर्ट के दौरान 10 बजे रात से पांच बजे सुबह तक कर्फ्यू लगाने का प्रावधान है जबकि रेड अलर्ट के दौरान पूरा कर्फ्यू लगाया जाता है.