- चुनाव आयोग ने टीएमसी को 28 नवंबर को सुबह 11 बजे मिलने के लिए बुलाया है
- टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने 23 नवंबर को चुनाव आयोग से मुलाक़ात का समय मांगा था
- चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक़ केवल पार्टी अध्यक्ष या अधिकृत प्रतिनिधि ही आयोग से संवाद कर सकते हैं
चुनाव आयोग ने टीएमसी प्रतिनिधिमंडल को आज सुबह 11 बजे मिलने के लिए बुलाया है. पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने 23 नवंबर को पत्र लिखकर चुनाव आयोग से मिलने का समय मांगा था. बंगाल में चल रहे SIR को लेकर जो बवाल मचा है, उसे लेकर इस मुलाक़ात को बेहद अहम माना जा रहा है. संभावना है कि इस मुलाक़ात में ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया को लेकर जो सवाल उठाए हैं, उस पर आयोग अपना जवाब इन नेताओं को दे सकता है.
ये है मुश्किल
हालांकि, मुलाक़ात को लेकर थोड़ा सस्पेंस भी बना हुआ है. उसकी वजह ये है कि पार्टी ने मुलाक़ात के लिए चुनाव आयोग को जो पत्र लिखा है, वो नियम के मुताबिक़ नहीं है. कहानी तब शुरू हुई जब 23 नवंबर को पार्टी के राज्य सभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आयोग से मुलाक़ात करना चाहता है.
अब चूंकि आयोग पहले ही साफ़ कर चुका है कि वो केवल पार्टी के अध्यक्ष या उसकी तरफ़ से अधिकृत प्रतिनिधि से ही संवाद करेगा तो डेरेक ओ ब्रायन के पत्र के जवाब में आयोग ने टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी और 28 नवंबर को सुबह 11 बजे मिलने का समय दिया. आयोग ने इस मुलाक़ात के लिए ममता बनर्जी से प्रतिनिधिमंडल के मुखिया के अलावा चार और नाम देने को कहा , यानि कुल 5 नाम.
लेकिन आयोग को एक बार फिर डेरेक ओ ब्रायन की तरफ़ से ही एक पत्र के ज़रिए प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं का नाम भेजा गया, जिसमें ब्रायन समेत कुल 10 नेताओं के नाम शामिल हैं. आयोग के सूत्रों के मुताबिक़ तकनीकी तौर पर ये सही प्रक्रिया नहीं है. दरअसल, पार्टी की ओर से ममता बनर्जी ने केवल अभिषेक बनर्जी और चंद्रिका भट्टाचार्य को ही चुनाव आयोग से संवाद करने के लिए अधिकृत कर रखा है और इसमें डेरेक ओ ब्रायन का नाम नहीं है. इसलिए आयोग से कोई भी संवाद और पत्राचार या तो ममता बनर्जी कर सकती हैं या फिर उनकी तरफ़ से अधिकृत अभिषेक बनर्जी या चंद्रिका भट्टाचार्य.
क्या है नियम
यहां इस बात का उल्लेख ज़रूरी है कि केवल टीएमसी के मामले में नहीं , बल्कि किसी भी पार्टी के साथ संवाद या पत्राचार के लिए चुनाव आयोग ने यही नियम बना रखा है. यानी पार्टी का अध्यक्ष या उसकी तरफ़ से अधिकृत नेता ही आयोग से संवाद या पत्राचार कर सकता है.
ऐसे में आज जब टीएमसी का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलने पहुंचेगा तो मुलाक़ात को लेकर थोड़ा असमंजस ज़रूर रहेगा. नज़र इस बात पर रहेगी कि क्या चुनाव आयोग सभी 10 नेताओं से मुलाक़ात करेगा या फिर केवल 5 नेताओं से. सवाल ये भी है कि अगर आयोग सभी 10 नेताओं से मुलाक़ात करने के लिए राज़ी नहीं होता है तो टीएमसी नेताओं का रुख़ क्या होगा?














