इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में अवैध प्रवासियों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मूल निवासी समुदायों को अपने ऐतिहासिक संबंधों को बनाए रखना चाहिए.
सिंह ने यह भी कहा कि सोमवार को चुराचांदपुर जिले से म्यांमा के संगठन ‘चिन कुकी लिबरेशन आर्मी' (सीकेएलए) के दो सदस्यों की गिरफ्तारी से राज्य में जातीय संघर्ष में बाहरी समूहों की संलिप्तता का पता चलता है. मणिपुर में मई में जातीय संघर्ष शुरू हुआ था जिसमें 180 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
इंफाल पूर्वी जिले के एंड्रो में तीन परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में उन्होंने कहा, 'मैं पारंपरिक और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 34 समुदायों के बीच मौजूद पुराने बंधन को बनाए रखने के लिए आपका समर्थन चाहता हूं. हालांकि, मैं कभी भी अवैध प्रवासियों को अनुमति नहीं दूंगा और उन्हें स्वीकार नहीं करूंगा.'
उन्होंने कहा कि मोइरांग के जातीय पार्क में राज्य के 34 मूल निवासी समुदायों के पारंपरिक घरों को प्रदर्शित किया गया है जो लोगों के भावनात्मक संबंधों को रेखांकित करता है. सिंह ने कहा, “ हमारा मामला केंद्र सरकार ने उठाया है. एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने स्पष्ट कर दिया है कि मणिपुर का मसला न तो अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का है और न ही हिंदू और ईसाइयों का है. यह मामला म्यांमा और बांग्लादेश के आतंकवादी समूहों द्वारा मणिपुर स्थित संगठनों के साथ मिलकर भारत संघ के खिलाफ युद्ध छेड़ने का है.”
मुख्यमंत्री ने कहा, “कल चिन कुकी लिबरेशन आर्मी के दो कैडर की गिरफ्तारी से राज्य में हिंसा में बाहरी समूहों की संलिप्तता का पता चलता है.” सीकेएलए के सदस्यों को भारत-म्यांमा सीमा पर चाईजांग क्षेत्र से पकड़ा गया और उनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया.
सिंह ने कहा, 'केंद्र और मणिपुर सरकार राज्य में बाहरी आक्रमण का सामना करती रही है और सामना करती रहेगी. सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.'