क्या देसी 'Koo' देगा 'Twitter' को जोरदार टक्कर? 10 प्वाइंट्स में जानें इसकी खासियत

यूएस की माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को प्रतिस्पर्धा देने के लिए मेड-इन-इंडिया की 'कू' (Koo) कमर कस रही है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू (Koo) पर अपना अकाउंट बनाया है और जुड़ने के लिए अनुरोध भी किया.

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मेड-इन-इंडिया की 'कू' (Koo) कस रही है कमर
नई दिल्ली:

यूएस की माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को प्रतिस्पर्धा देने के लिए मेड-इन-इंडिया की 'कू' (Koo) कमर कस रही है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू (Koo) पर अपना अकाउंट बनाया है और जुड़ने के लिए अनुरोध भी किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''अब मैं कू (Koo) पर हूं. रियल टाइम, रोमांचक और विशेष अपडेट के लिए मेरे साथ इस भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर जुड़े. चलिए अपने सोच व विचारों को कू पर आदान-प्रदान करें.'' इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय तथा कुछ अन्य सरकारी विभागों ने घरेलू माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट कू पर अपने खाते खोले हैं. घरेलू कंपनी ने यह जानकारी दी. कुछ ट्वीट और खातों को प्रतिबंधित करने के सरकार के निर्देशों का अनुपालन ट्विटर द्वारा नहीं करने के बाद यह कदम उठाया गया है. कू ने एक बयान में कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के कुछ प्रमुख संगठनों ने भारत के अपने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट कू पर अपने खाते खोले हैं. यह कदम ट्विटर के खिलाफ एक रणनीतिक प्रतिक्रिया है. ट्विटर ने 257 ट्वीट और ट्विटर खातों को प्रतिबंधित करने के सरकार के निर्देश का अनुपालन नहीं किया. इनके जरिये किसान नरसंहार से जुड़े ट्वीट किये गये.’’

10 प्वाइंट्स में 'Koo' की खासियत -
  1. बेंगलुरू स्थित स्टार्टअप कंपनी कू (Koo) की शुरुआत को-फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्णा ने की. वह इस कंपनी के सीईओ भी हैं और आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व छात्र हैं. इसे मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था.
  2. गूगल प्ले स्टोर पर कू (Koo) के बारे में "एक व्यक्तिगत अपडेट और राय-साझाकरण माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म" लिखा हुआ है. आगे लिखा है, ''यह लोगों को भारतीय भाषाओं में अपने विचारों को एक मजबूत स्थानीय भारतीय समुदाय के साथ व्यक्त करने का अधिकार देता है.''
  3. कू (Koo) दावा करता है कि इस ऐप को भारतीयों को अपने विचार अपने मातृभाषा में शेयर करने के लिए बनाया गया है और सार्थक चर्चा हो सके.
  4. कू (Koo) ने केंद्र के आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज को जीता था, जोकि यह अगस्त 2020 में हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में भारतीयों को कू (Koo) को यूज करने के लिए प्रोत्साहित भी किया था. इस ऐप को 10 महीने पर पहले शुरू किया गया था और इसने भारत सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर ऐप प्रतिस्पर्धा जीती है.
  5. शुरुआती यूजर्स में सद्गुरु, आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद, उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ ने भी अकाउंट बनाया है. सरकार की थिंक-टैंक NITI आयोग ने पहले ही कू (Koo) पर अकाउंट बनाया है.
  6. पहले नजर में देखें तो कू लगभग वह सभी फीचर्स दे रहे हैं, जो ट्विटर पर उपलब्ध है. जैसे - टेक्ट्स, वीडियो और ऑडियो मैसेज को शेयर करना.
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  8. अभी तक लगभग 2.5 मिलियन डाउनलोड किए जा चुके हैं और करीब एक मिलियन एक्टिव यूजर्स भी हैं. प्ले स्टोर पर कू की रेटिंग 4.7 स्टार मिले हैं. हालांकि कुछ लोगों ने ओटीपी की समस्या को लेकर शिकायत भी की है. हालांकि डेवलेपर्स ने इस रिव्यू पर रिस्पॉन्ड करते हुए बताया कि इस ग्लिच का जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा.
  9. कू (Koo) ट्विटर के लॉन्च होने के करीब 14 साल बाद आया और अन्य मिलते जुलते जैसे मस्टोडॉन और टूटर जैसे प्लेयर्स को भी फॉलो करता है.
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  11. कू ने कहा कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, माई गॉव, डिजिटल इंडिया, इंडिया पोस्ट, नेशनलल इनफार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉली, कॉमन सर्विस सेंटर, उमंग ऐप, डिजी लॉकर, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के हैंडल का सत्यापन किया है.
  12. कू कई अन्य भारतीय भाषाओं में भी है, जिससे यह देश के गैर-अंग्रेजी और गैर-हिंदी भाषी समुदायों के लिए संभावित रूप से अधिक आकर्षक है. 
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