कोहिनूर हीरा वापस लाने के रास्ते तलाशता रहेगा भारत : विदेश मंत्रालय

महाराजा दलीप सिंह ने 1849 में 108 कैरेट का कोहिनूर हीरा महारानी विक्टोरिया को दे दिया था. 1937 में इसे महारानी के ताज में लगा दिया गया था.

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कोहिनूर हीरा वापस लाने के रास्ते तलाशता रहेगा भारत : विदेश मंत्रालय
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद भारत में अनेक ट्विटर यूजर ने कोहिनूर को भारत वापस लाने की मांग की है.
नई दिल्ली:

भारत ने शुक्रवार को संकेत दिए कि यह दुनिया के सबसे बड़े हीरों में शुमार कोहिनूर को ब्रिटेन से वापस लाने के रास्ते तलाशता रहेगा. ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद भारत में कोहिनूर को वापस लाने की मांग फिर से तेज हो गई है.

इस मांग के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कुछ साल पहले संसद में इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया का उल्लेख किया.

उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि भारत सरकार ने कुछ साल पहले संसद में इसका जवाब दिया था. हमने कहा है कि हम समय-समय पर ब्रिटेन सरकार से बात करते रहे हैं और हम मामले का संतोषजनक समाधान निकालने के तरीकों और साधनों का पता लगाना जारी रखेंगे.”

महाराजा दलीप सिंह ने 1849 में 108 कैरेट का कोहिनूर हीरा महारानी विक्टोरिया को दे दिया था. 1937 में इसे महारानी के ताज में लगा दिया गया था.

ब्रिटिश मीडिया में ऐसी अटकले हैं कि अगले साल छह मई को होने वाले कार्यक्रम में जब कैमिला को महारानी का खिताब दिया जाएगा, तब वह ताज पहन सकती हैं.

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद भारत में अनेक ट्विटर यूजर ने कोहिनूर को भारत वापस लाने की मांग की है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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