रूस-यूक्रेन के बीच शांति की बहाली के लिए 'बातचीत' ही आगे का रास्ता है : भारत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अलग-अलग बातचीत की थी और जोर दिया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और राजनय ही आगे का रास्ता है.

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नई दिल्ली:

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह 'बातचीत और राजनय' के जरिए रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रोत्साहन जारी रखेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्विट्जरलैंड शांति शिखर सम्मेलन में भारत के रुख को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की.

उन्होंने कहा, 'हम बातचीत और राजनय के माध्यम से रूसी-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करते रहेंगे.'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अलग-अलग बातचीत की थी और जोर दिया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और राजनय ही आगे का रास्ता है.

मोदी ने हालिया चुनाव में पांचवीं बार जीत हासिल करने के लिए पुतिन को बधाई देने की खातिर टेलीफोन पर बातचीत की थी. उसके बाद प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को फोन किया था और मौजूदा संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने तथा शांति के लिए सभी प्रयासों के प्रति भारत के समर्थन से अवगत कराया था.

जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत के दौरान अपने देश की संप्रभुता के समर्थन के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया था. उन्होंने कहा कि भारत को स्विट्जरलैंड में पहले शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेते देखना यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण होगा.
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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